मिसेज़ शर्मा परेशान हैं ..
पत्नी ने धीरे से कहा
मैंने पूछा क्यों?
पत्नी ने कहा अपने बच्चों को लेकर
चिंतीत हैं
मैंने पुनः पूछा क्यों?
पत्नी ने कहा
बच्चे हाज़िर ज़वाब हो गए हैं
मैंने कहा
इसमें चिंता के क्या बात है
बच्चे हैं उनके अपने भी ज़ज्बात हैं
देखता हूँ समय पर स्कूल आते जाते हैं
सभी से तमीज़ से पेश आते हैं
तुम औरत खामखा की आफत हो
चिंतीत हीं रहती हो जब सब कुछ सलामत हो
पत्नी कही
नहीं-नहीं तुम समझ नहीं रहे हो
और ना हीं समझ पाओगे
आज मिसेज़ शर्मा को चाय पर बुलाई हूँ
बच्चे कैसे हैं तुम भी जान जाओगे
तयशुदा कार्यक्रम के तहत
मिसेज़ शर्मा अपने तीनो बच्चों के साथ आ गयीं
बच्चों की मुस्कराहट मुझे भा गयी
मैंने कहा भाभी जी,आपने बच्चों को
अच्छे संस्कार सिखलाएँ हैं
आपके पास तो हर मर्ज़ की दवाएं हैं
मिसेज़ शर्मा ने कहा,
नहीं भाई साहब बच्चों में एक नयी तरह की उमंग है
मै, मेरा पूरा परिवार इन तीनों से तंग है
मैंने कहा छोडिये मै बच्चों से हीं बात करता हूँ
सबसे पहले छोटे बच्चे "छोटू" से कहा,
तुम तो बहुत अच्छे लग रहे हो
तीनों में तुम सबसे शरीफ बच्चे लग रहे हो
चलो मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दे दो
इससे पहले आरिज़ भैया (बेटा) के अलमारी से कोई भी खेलौना ले लो
छोटू अलमारी से एक हाथी निकल लाया
मैंने पूछा, बेटा ये बताओ दुनिया का सबसे बड़ा जानवर कौन है?
छोटू झटपट कहा "चूहा"
कैसे पूछने पर कहा
बस इतना हीं जनता हूँ.
मैंने कहा कोई बात नहीं, चलो एक पंछी का नाम बताओ
जो काला होता है?
छोटू बोला नाम तो नहीं पता मगर जानता हूँ कैसे बोलता है
मैंने पूछा कैसे बोलता है यही बताओ
छोटू बोला कावं-कावं
उत्तर सुन कर मिसेज़ और मिसेज़ शर्मा मुस्कुरा रहीं थी
असल में वो मेरी हसी उडा रही थीं
मैंने माहोल देख कर एक प्रश्न और दागा
भों-भों कौन सा जानवर बोलता है ये तो तुम ज़रूर जानते होगे
छोटू कहा,हाँ अंकल इसका भी उत्तर जानता हूँ
मैंने कहा बताओ
छोटू बोला पड़ोस के अंकल के घर में जो जानवर रहता है
वही भों-भों करता है
मैंने कहा ,बेटे उसी जानवर का नाम तो बताओ
छोटू बोला "मोती"
छोटू का उत्तर मेरी जिज्ञासा कम कर कर गया
मै अपने अन्दर की व्यथा हज़म कर गया
इसी क्रम में एक प्रश्न और कर गया
अच्छा छोटू में...में ...कौन बोलता है?
छोटू ने कहा, अभी तो आप हीं बोल रहें हो
उसके बाद मम्मी पापा से मेरा
शिकायत लगाने के क्रम में घर पर बोलेगी..
फिर पापा में..में...करेंगे
अंकल आप हीं बताइए
में...में ... से बच्चे डरेंगे ?
इतना सुनते हीं मै चुप हो गया
थोड़ी देर के बाद कहा, भाभी जी मै भाई साहब से मिल कर बात करता हूँ
बच्चों को समझाने का उनसे मिल कर प्रयास करता हूँ
मिसेज़ शर्मा ने कहा,
भाई साहब आप चिंता मत करें बच्चे सुधर हीं जायेंगे..अभी नयें हैं
आप इनके पापा से मत मिलिए ये बच्चे उनपर हीं गएँ हैं.
अरशद अली
2 टिप्पणियाँ:
आप चिंता मत करें बच्चे सुधर हीं जायेंगे.
Very Nice..!!
ये आजकल के बच्चे भी न!
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