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हास्य जीवन का अनमोल तोहफा    ====> हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं।

हँसे और बीमारी दूर भगाये====>आज के इस तनावपूर्ण वातावरण में व्यक्ति अपनी मुस्कुराहट को भूलता जा रहा है और उच्च रक्तचाप, शुगर, माइग्रेन, हिस्टीरिया, पागलपन, डिप्रेशन आदि बहुत सी बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है।

मंगलवार, 31 मई 2011

एक लेखक की आत्महत्या - स्यूसाईड नोट।

एक लेखक की आत्महत्या - स्यूसाईड नोट।


लेखक कहता हैः- " ये मेरी अंतिम पोस्ट और अंतिम पत्र है क्योंकि, अब मैं जीना नहीं चाहता, जिस वक़्त आप मेरा ये अंतिम पत्र यह पढ़ रहे होंगे, मैंने आत्मघात कर लिया होगा, अलविदा दोस्तों..!!"

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( लेखक और उसका साया एक दूसरे से संवाद कर रहे हैं ...!!)

साया- "तुम ये क्या कर रहे हो?

मैं - " लिख रहा हूँ ।"

साया- " लिखते समय इतने सारे काग़ज़ बिगाड़ने ज़रूरी हैं क्या?"

मैं -"नहीं..!!"

साया-"तो फिर तुमने इतने काग़ज़  क्यों  बिगाड़े?"

मैं -"मैं  लिख नहीं पा रहा हूँ..!!"

साया-"क्या तुम्हारे दिमाग की बत्ती गुल है?"

मैं -"नहीं..!!"

साया-" क्या तुम लेखक हो?"

मैं -"पता नहीं? मैं तो ब्लॉगर हूँ ।"

साया-" ब्लॉगर? ब्लॉगर क्या होता है?"

मैं -" ब्लॉगर वो है, जो कहीं का नहीं होता है..!!"

साया-" मतलब? ना घर का, ना घाट का?"

मैं -"ऐसा ही कुछ, ना परिवार का-ना समाज का..!!"

साया-" ब्लॉगर क्यों लिखता रहता है?"

मैं -" भड़ास निकाल कर, चैन से जीने के लिए..!!"

साया-" तुम चैन से जीने के लिए लिख रहे हो?"

मैं -"नहीं, चैन से मरने के लिए ।"

साया-"मतलब? तुम मरना चाहते हो? मगर क्यों?""

मैं -"बस, ऐसे ही, बिना वजह..!!"

साया-" कोई वजह तो होगी ही..!!

मैं -"...........!!"

साया-"अच्छा,. ये बताओ, जीना-मरना तुम्हारे हाथों में है?"

मैं -"हाँ, मेरी मौत मेरे हाथों में है ।"

साया-" यहाँ तुम अकेले रहते हो?"

मैं -" हाँ, इतने बड़े संसार में, मेरा  कोई नहीं है..!!"

साया-" और ब्लॉग जगत में?"

मैं -" पूरा नेट जगत   मायावी (Elusive) और आभासी (virtual) है । वहाँ भी मेरा कोई नहीं है..!!"

साया-" कोई तो होगा, जो तुम्हारी लिखनी से प्यार करता हो?"

मैं -" नहीं, यहाँ सब एक-दूजे को चने के पेड़ पर चढ़ाने में लगे हुए हैं..!!

साया-" तेरे घर में कोई नहीं है?"

मैं -"कोई नहीं है, मैं अकेला रहता हूँ ।"

साया-" परिवार,यार-दोस्त सारे लोग कहाँ गए?

मैं -" ब्लॉगिंग की वजह से, सारे लोगों से मेरा साथ छूट गया है..!!"

साया-"कोई नौकर-चाकर तो होगा ही ना?"

मैं -"है..!! एक ग़रीब लड़का, छोटू ।"

साया-"तुम्हारे मरने के  ऐन समय पर, कहीं तुम्हारा छोटू आ गया तो..ओ?

मैं -"नहीं आएगा, वो दो-तीन दिन की छुट्टी पर गया हुआ है ।"

साया-" ह..म..म..म..!! ऐसा क्या लिख रहे हो कि, इतने सारे काग़ज़ फाड़ने पड़े?"

मैं -" स्यूसाईड नोट- Suicide note..!!”

साया-" स्यूसाईड नोट? इसका  क्या मतलब?

मैं -" मृत्यु के बाद की, अंतिम इच्छा..!!"

साया-" मरने के पश्चात भी, इच्छाएं जीवित रहती है?"

मैं -" नहीं रहती..!!"

साया-"पर, तुमने अभी-अभी अंतिम इच्छा कहा ना?"

मैं -“……….. ..”

साया-"किस प्रकार आत्महत्या करने का इरादा है?"

मैं -" तय नहीं किया..!!"

साया-"आत्महत्या के कितने तरीके जानते हो?"

मैं -" हाथ/गले की नस काट कर, रस्सी से लटक कर,  पिस्तौल की गोली से, ज़हर खा कर, उंचे बिल्डिंग से या फिर, ट्रेन के नीचे कूद कर, वगैरह ?"

साया-"तुम कौन सा तरीका अपना रहे हो?"

मैं -"शायद, रस्सी से लटक कर ।"

साया-" अगर तुम बच गए तो..ओ?"

मैं -" नहीं  बचूंगा..!!"

साया-" तुम सचमुच मरना चाहते हो?"

मैं -"हाँ, मेरा मरना तय है ।"

साया-"अगर जिंदगी, नये सिरे से तुम्हें समझाने आ जाए तो?"

मैं -"अब मैं किसी की, एक नहीं सुननेवाला..!!"

साया-" देख लो, डोरबेल बज रही है,लगता है, तुम्हें समझाने के लिए  जिंदगी आ गई है..!!"

मैं -" बजाने दे, मैं दरवाज़ा खोलने वाला नहीं हूँ..!!"

साया-" देखो तो सही? शायद, दरवाज़े पर, तुम्हारा अपना कोई आया हो?"

मैं -"ह...म..म..!! ठीक है देखता हूँ ।"

(ट्रीन..न..न..न..,खट़ाक..!!)

==========

मैं -"अरे, छोटू तुम?"

छोटू - " क्या सा`ब, आप भी? कितना घंटी बजाया..!! सुबह हो गई, आप नहा लिए क्या? देखो सा`ब, आज छोटू को मरने की भी फ़ुरसत नहीं है, मुझे बहुत काम है । यहाँ साफ-सफाई कर के,दूसरे और तीन-चार घर के काम निपटाने है ।

मैं -"..................!!"

छोटू - "सा`ब ये क्या, इतने सारे काग़ज़ फाड़े  हैं? रात भर, लिख रहे थे क्या?"

मैं -"..................!!"

छोटू - " क्या कहा, अपुन ने छुट्टी कैन्सल क्यों किया? जाने दो ना सा`ब..!! घर में पागल माँ को संभालने का, छोटे भाई को ई-स्कूल छोड़ने का, बाप तो सा..ला बेवड़ा था..!!  परसों ही देशी ठर्रा पी कर मर गया साल्ला..!! एक ही दिन में, उसका अंतिम क्रिया करम निपटा कर, आज काम पर आ गया..!!"

मैं -"..................!!"

छोटू -" ज़िंदगी ऐसे ही चलती है, अपुन का गुरु बोलता है, कभी हिम्मत नहीं हारने का..!! मरना है तो इज़्ज़त से मरने का, समझे क्या? एक दिन तो सभी को मरना ही है, मगर  बुज़दिल की माफ़िक नहीं मरने का..!!"

मैं -“……….....”

छोटू -" अरे..!! सा`ब, ये रस्सी यहाँ कौन लाया, आप? मगर कुछ लिखने के लिए, रस्सी का क्या काम? इसे भीतर रख दूँ क्या?

मैं -“……….....”

==========

साया-" क्यों, ब्लॉगर-लेखक राजा.!! आत्महत्या करने का इरादा अब भी बाकी है क्या? मैंने कहा था ना, दरवाज़े पर ज़िंदगी डोरबेल बजा रही है?"


मैं -" या..र, अभी के अभी यहाँ  से फौरन तु  फूट ले, तुमने तो,  फ़िजूल में, मेरे दिमाग की बत्ती गुल कर दी..!!"


साया-“……….....”


मैं -" कहाँ गया? कहाँ चला गया मेरा साया? मेरे दिमाग की बत्ती गुल कर के, तुम  फूट लिए क्या..!!"

साया-“……….....”

==========


मैं लेखक -" कोई बात नहीं, मेरे प्यारे साहिबान..!! आप तो यहाँ हाज़िर है ना? ब्लॉग जगत में, है कोई मेरा, जो  मेरा मार्गदर्शन कर सकें? सा`ब, क्या करूँ मैं, आत्महत्या कर लूँ ,या ब्लॉगिंग करता रहूँ?"


जिंदगी से कौन डरता है भला, मरना जब दुश्वार* हो? 

अवसि* मरना भी कौन चाहेगा, पास जब अवार* हो..!!

दुश्वार*=कठिन

अवसि*=निःसंदेह

अवार*=किनारा

मार्कण्ड दवे । दिनांक- २९-०५-२०११.

अंकल, हम बेवकूफ नहीं हैं ...

11 वर्षीय रोहन और उसके पड़ोस में रहने वाली 10 सलोनी को साथ-साथ खेलते हुए यह एहसास हो जाता है कि वे एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं, और उन्हें शादी कर लेनी चाहिए...

रोहन सलोनी के पिता के पास पहुंच जाता है, और हिम्मत जुटाकर कह डालता है, "मिश्रा अंकल, मैं और आपकी बेटी सलोनी एक-दूसरे से प्यार करते हैं, और मैं आपसे शादी के लिए उसका हाथ मांगने आया हूं..."

मिश्रा जी को नन्हे शरारती रोहन की हरकत बेहद प्यारी लगती है, और वह डांटने के बजाए मुस्कुराते हुए रोहन से पूछते हैं, "यार, तुम अभी सिर्फ 11 साल के हो, और तुम्हारे पास घर भी नहीं है... तुम और सलोनी रहोगे कहां...?"

रोहन तपाक से कहता है, "सलोनी के कमरे में, क्योंकि वह मेरे कमरे से बड़ा है, और वहां हम दोनों के लिए ज़्यादा जगह है..."

मिश्रा जी को अब भी रोहन की इस मासूमियत पर प्यार आता है, और वह फिर पूछते हैं, "ठीक है... लेकिन तुम लोग गुज़ारा कैसे चलाओगे... आखिर इस उम्र में तुम्हें नौकरी तो मिल नहीं सकती...?"

रोहन फिर बहुत शांत स्वर में जवाब देता है, "हमारा जेबखर्च है न... उसे 100 रुपये प्रति सप्ताह मिलता है, और मुझे 150 रुपये प्रति सप्ताह... इस हिसाब से हम दोनों के लगभग 1000 रुपये हर महीने मिल जाता है, जो हमारी ज़रूरतों के लिए काफी रहेगा..."

मिश्रा जी इस बात से भौंचक्के रह जाते हैं, कि रोहन ने इस विषय पर इतनी गंभीरता से, और इतनी आगे तक सोच रखा है...

सो, वह सोचने लगते हैं कि ऐसा क्या कहें कि रोहन को जवाब न सूझे, और उसे इस उम्र में सलोनी से शादी न करने के लिए समझाया जा सके...

कुछ देर बाद वह फिर मुस्कुराते हुए रोहन से सवाल करते हैं, "यह बहुत अच्छी बात है, बेटे, कि तुमने इतनी अच्छी तरह सब प्लान किया हुआ है, लेकिन यह बताओ, कि अगर तुम दोनों के बच्चे हो गए, तो क्या यह जेबखर्च कम नहीं पड़ेगा...?"

रोहन ने इस बार भी तपाक से जवाब दिया, "अंकल, हम बेवकूफ नहीं हैं... जब आज तक नहीं होने दिया, तो आगे भी .........."

सोमवार, 30 मई 2011

एक लेखक आत्महत्या करने जा रहा है ।

एक लेखक आत्महत्या करने जा रहा है ।


लेखक कहता हैः- " ये मेरी अंतिम पोस्ट और अंतिम पत्र है क्योंकि, अब मैं जीना नहीं चाहता, जिस वक़्त आप मेरा ये अंतिम पत्र यह पढ़ रहे होंगे, मैंने आत्मघात कर लिया होगा, अलविदा दोस्तों..!!" 

http://mktvfilms.blogspot.com/2011/05/blog-post_30.html

लेखक का अंतिम स्यूसाईड नोट कल यहीं पर..!!

रविवार, 29 मई 2011

सभी जवाब काल्पनिक हैं ....

गजोधर और मनोहर अपनी कॉलेज की परीक्षा देने के लिए


गए पर उन्हें कुछ नहीं आता था


गजोधर : यार उत्तरपुस्तिका पर क्या लिखूं ?


मनोहर : यही कि


इस शीट पर लिखे गए सभी जवाब काल्पनिक हैं


जिनका किसी भी किताब से कोई सम्बन्ध नहीं है …… !

शनिवार, 28 मई 2011

वाह क्या प्रेम है..!! wow..!! what a LOVE?


वाह क्या प्रेम है..!!
wow..!! what a LOVE?

(सौजन्य-गूगल)


प्रिय मित्रों,

उत्तर महाभारत महाग्रंथ में कलयुग के भविष्य के बारे में महर्षि वेदव्यास ने कुछ त्रुटिरहित कथन किए हैं ।

शिक्षा जगत में व्याप्त मलिनता के कारण, ज्ञान और विद्या का नाश होगा । ( सही - ग़लत )

( पढ़ने-पढ़ाने वालों की पढ़ाई के क्षेत्र में उदासीनता और सच्चे ज्ञान का ह्रास ?)

आईए, सुनें, एक आधुनिक कॉलेज कन्या की मोबाईल talk..!!

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" अरे यार..!! माय मम्मा भी देखना? सुबह-सुबह कॉलेज जाते वक़्त ही उसकी खिचपिच शुरु हो गई..!! शैला ये ड्रेस मत पहनना, इसमें तेरा सारा बदन दिखता है । आज जल्दी वापस घर आ जाना । यार हमारी कोई चोईस ही नहीं? शैलाब की भी रिंग आई थी ,"हाय हनी, कॉलेज आ रही है ना? आज कहाँ मिलना है? मैं, शैला उसे पोपट से मिलूँ? MY FOOT!! साला कभी पॉकेट में  तो हाथ डालता नहीं है ? LEAVE IT यार..!!"

इस मंथ के मेरे सारे पॉकेट मनी फिनिश हो गए हैं, बट यु नॉ? मैने क्या किया? इस शैला ने  स्मार्टनेस दिखाते हुए, उस पोंगा पंडित कौशिक को ऐसी मीठी स्माईल देदी कि, उसने ५०० का नोट तुरंत निकाल कर मुझे दे दिया । नहीं यार, फ्री में नहीं..!! उसके बदले, मैंने उसके साथ लोंग ड्राइव पर जानेका प्रोमिस किया है ।

तु भी आएगी क्या? वो रितुडी को हमारे साथ आना था मगर, you know !! वो सिर्फ न्यूज़ पेपर नहीं, पूरा न्यूज़ चैनल है? क्या, ऍक्ज़ाम नज़दीक है? तु कब से ऍक्ज़ाम की फ़िक्र करने लगी? ही..ही..ही..!!

मुझे  कोई चिंता नहीं है? you see, मैंने तो वो हॅन्डसम प्रोफेसर हैं ना? हाँ..हाँ, उसी को पटा लिया है..!! मुझे बहुत हॅल्प कर रहा है । नहीं,नहीं..वो मेरा नहीं, शैलाब का  रिलेटिव है । उसका हैबिट थोड़ा ख़राब है, मेरे साथ शॅक हॅन्ड करने के बाद हाथ जल्दी छोड़ता नहीं है..!!नहीं..नही..यार,उसकी? नो मोर हिंमत, शैला को तो तु जानती है ना? मुझे ऐसों को हैन्डल करना अच्छी तरह आता है..!!

सन्डे को क्या करती? या..र..!! मेरा ये सन्डे बिलकुल बेकार गुज़रा । मेरी मम्मा अभी से, you know,जन्म कुंडली और ऐसा ही कुछ समथिंग-समथिंग ले कर, मेरे रिश्ते के लिए रिश्तेदारों से बात करती रहती है? बट, मैंने तो उसको क्लिन-क्लिन कह दिया है, हालाँकि मैं थर्ड ईयर में स्टडी कर रही हूँ,But, I want to study further? 

मेरे पापा? मेरे पापा तो वॅरी-वॅरी nice guy है..!! पता है, एक दिन क्या हुआ था? उन्होंने मुझे हैं ना, शैलाब के साथ बाईक पर चिपक कर बैठे हुए देख लिया था, फिर भी ही डीडन्ट टेल मी अ सिंगल वर्ड..या..र? 

मेरी मम्मा, मेरी शादी को लेकर, फ़ालतू में Worry हो रही है..!! हाँ..मगर पापाने, मम्मा को  टू मच, worry करते देखकर, उसे साफ-साफ कह दिया, शिला  is mature  enough  to take care of her self..!! 

No..no..यार,  कॉलेज के किसी भी पोपट के साथ,मेरेज तो मैं करनेवाली नहीं..!! 

पापा जहाँ कहेंगे, उसी लड़के के साथ..!! you know our संस्कार culture और ऐसा ही कुछ समथिंग-समथिंग, 

O.K. I am in hurry,we will talk later,bye."

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जान ले लो  मेरी मगर प्यार से(गीत)
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नोट- पूरे गीत में, प्रितम शैलाब गीत गा कर शिला से प्यार जता रहा है और शैला `I DON`T CARE.` कह कर इन्कार कर रही है ।


जान ले लो  मेरी, मगर प्यार से....!!

I DON`T CARE.

ज़ख्म दे  दो नया, मगर प्यार से...!!

I DON`T CARE.

१.

चल पड़ा हूँ मैं, इश्क़ की राह पर ।

दिल रखा है क़दमों में, हर आह पर ।

दो क़दम साथ चल, मगर प्यार से....!!

I DON`T CARE.

२.

ज़ुल्फ़ में तेरी यूं ही उलझता गया ।

अश्क बहते रहे, मैं पिघलता रहा ।

एक नज़र देख ले,मगर प्यार से....!!

I DON`T CARE.

३.

आग सी लग गई, जिस्म जलता रहा ।

साँस  थम  सी   गई, मैं  तड़पता रहा ।

दिल जलाओ मेरा, मगर प्यार से.....!!

I DON`T CARE.

 ४.

कोई  क्यूँ न मरे, बेरूख़ी देख कर ।

कोई कैसे जीए, यार को छोड़ कर ।

क़त्ल कर दो मेरा,मगर प्यार से....!!

I DON`T CARE.

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बस, हम आगे और क्या कहें, साहब..!! अब, आप ही कुछ फरमाईए?
मार्कण्ड दवे । दिनांकः- २९- ०५-२०११.

बुधवार, 25 मई 2011

दोनों में से कौन है मेरा बेटा !


एक गधा दूसरे गधे से मिला

तो
बोला-

"कहो यार कैसे हो?"
दूसरा बोला- "तुम वाकई गधे हो

एक
साल होने को आया
एक ही जगह बंधे हो

डाक्टरों
ने दल बदले
मगर तुमने

खूंटा
तक नहीं बदला।"
तभी बोल उठा पहला-

"सामने वाले बंगले में
दो नेता रहते हैं

रोज़
आपस में लड़ते हैं
एक कहता है

तुमसे गधा अच्छा


दूसरा
कहता है

गधे का बच्चा


और मैं यह जानना चाहता हूँ


कि
वो कौन-सा नेता नेता है जो मेरा बेटा है।



साभार
: कविता कोष, लेखक : श्री शैल चतुर्वेदी

सोमवार, 23 मई 2011

जानता हूं और इसीलिए आपके पास आया हूं ......


एक व्यक्ति पशुओं के डॉक्टर के पास पहुंचा और कहा कि तबियत

ठीक नहीं लग रही है, दिखाना है।

डॉक्टर ने कहा कि कृपया मेरे

सामने वाले क्लीनिक में जाएं, मैं तो जानवरों का डॉक्टर हूं।

वहां देखिए, लिखा हुआ है।

रोगी– नहीं डॉक्टर साब मुझे आप ही को दिखाना है।

डॉक्टर– अरे यार, मैं पशुओं का डॉक्टर हूं। मनुष्यों का इलाज

नहीं करता।

रोगी– डॉक्टर साब मैं जानता हूं और इसीलिए आपके पास आया हूं।

इस पर डॉक्टर साब चौंक गए। जानते हो? फिर

मेरे पास क्यों आए।

रोगी- मेरी तकलीफ सुनेंगे तो जान जाएंगे।

डॉक्टर- अच्छा बताओ।

रोगी– सारी रात काम के बोझ से दबा रहता हूं।

सोता हूं तो कुत्ते की तरह सोता हूं।

चौबीसों घंटे चौकस रहता हूं।

सुबह उठकर घोड़े की तरह भागता हूं।

रफ्तार मेरी हिरण जैसी होती है।

गधे की तरह सारे दिन काम करता हूं।

मैं बिना छुट्टी की परवाह किए पूरे साल बैल की तरह लगा रहता हूं।

फिर भी बॉस को देखकर कुत्ते की तरह दुम हिलाने लगता हूं।

अगर कभी, समय मिला तो अपने बच्चों के साथ

बंदर की तरह खेलता हूं।

बीवी के सामने खरगोश की तरह डरपोक रहता हूं।

रविवार, 22 मई 2011

आतंकवादी गदर्भराज । part-1-2-3


आतंकवादी गदर्भराज ।
(सौजन्य-गूगल)



क्षमिणं बलिन साधुर्मन्यते दुर्जनोऽन्यथा।
दुरुक॒तमप्यतः साधोः क्षमयेत॒ दुर्जनस्य न॥


अर्थात्- सज्जन,क्षमाशील मनुष्य को बलवान और दुष्ट लोग,क्षमाशील मनुष्य को निर्बल मानते हैं । ऐसे क्रम के चलते सज्जन व्यक्ति के ताने सहन कर लेना, पर दुष्ट लोगों के  कटु वचन का उचित जवाब देना चाहिए ।

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प्यारे दोस्तों,


रविवार  की  मदमस्त सुबह के वक़्त, मेरे घर के बरामदे में बैठ कर, अभी तो मैंने आज का अख़बार हाथ में थामा ही था कि अचानक, हमारे घर के सामनेवाले, हमारे पड़ोसी शर्माजी ने, अपने घर के बरामदेमें खड़े होकर, अपने हाथ में अख़बार उठाकर मेरी ओर हिलाते हुए, अत्यंत उत्तेजना-पूर्ण आवाज़ में मुझ से सवाल किया,

" दवेजी,आपने आज का अख़बार पढ़ा? अमेरिका ने पाकिस्तान के एबटाबाद में जाकर आतंकवाद के जनक,आतंकी ओसामा बिन लादेन पर, हेलिकाप्टर से हमला करके उसे मार कर समंदरमें दफ़ना दिया..!! हमारा देश कितने सालों से हमारे लिए मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दाऊद इब्राहिम को हमें सौंपने के लिए पाकिस्तान को बार बार प्रेम पत्र भेज रहा है, तो क्या अमेरिका के माफिक हम भी दादागीरी करके पाकिस्तान में घुस कर उसे ज़िंदा या मुर्दा पकड़ नहीं सकते ? हम अमेरिका से कम है क्या? समझ में नहीं आता, हमारा देश वीर भगतसिंह का है या ठगतसिंह का?"

शर्माजी के ऐसे उत्तेजनापूर्ण सवाल से मेरे भीतर का प्रखर साहित्यकार (?)मानो जाग उठा । अपनी अक्ल पर जितना था उतना ज़ोर आज़माते हुए, शर्माजी के ज्ञान वृद्धि हेतु, जैसे ही मैंने अपना मुँह खोला ही था..!! बस उसी वक़्त मेरी अर्धांगिनी ने, मेरे पास आकर पुराने कुछ रद्दी कागज़ात का ढेर लगा दिया और आदेश किया,"लीजिए, अख़बार बाद में पढ़ना,पहले ये रद्दी कागज़ देख लो, अगर काम के न हों,तो उसे फाड़कर कचरेवाले को दे देना, घर साफ हो जाएगा..!!"

शर्माजी के ज्ञानवर्धन के लिए खुले हुए मेरे होंठ से, वीर भगतसिंह वाला `इन्कलाब ज़िंदा बाद` जैसा देश भक्ति का कोई नारा बाहर आए, उसके पहले ही पत्नी का यह आदेश पाकर, नतमस्तक होकर, मेरे मुँह से सिर्फ `सू..सू..सू..हूं..हूं..हूं..हाँ..देखता हूँ..!!` जैसे   बेकार के शब्द निकलते देख कर, शर्माजीके चेहरे पर, किसी ग़लत आदमी(?) से सवाल करने का अफसोस साफ दिखाई देने लगा..!!

आखिर, एक पत्नीव्रता-लाचार पति के ऐसे बुरे हालात पर मानो तरस आ रहा हो, शर्माजी बिना  कुछ बोले,बिना कारण अपना सिर दांये बायें हिलाते हुए, अपने घरके भीतर चले गए ।

हालाँकि, धर्म पत्नी फ़ालतू आदेश देकर और शर्माजी फ़ालतू अफसोस व्यक्त करके घर में तो चले गए,पर मेरे मन में छुपे साहित्यकार(?) को दिन दहाड़ें, दिन के सपने के गहन सागर में गोते लगाने के लिए बरामदे में ही छोड़ गए...!!

"अ..हा..हा..हा..!! दिन दहाड़ें, मुझे ऐसा अद्भुत  स्वप्न   आया कि, अमेरिका की तर्ज पर हमारी केन्द्रीय सरकार के आदेश पर हमारे जवाँमर्द सैनिक भी, पाकिस्तान के भीतर घुस कर आतंकी दाउद को जिंदा पकड़कर भारत में उठा लाए हैं,ऐसे समाचार आज के अखबार में छपे हैं और ऐसे मर्दाना समाचार पढ़कर मैं अत्यंत उत्तेजित होकर मेरे ख़्वाबिया हवा महल में, मारे खुशी के  उछल रहा हूँ..!!

आ..हा..हा, आज ज़िंदगी में पहली बार मुझे, अपने देश के राष्ट्रपति,अपनी केन्द्रीय सरकार और पंत प्रधान श्रीमनमोहनसिंहजी में, सचमुच भारतीय शेर की अद्भुत साहस कथा के दर्शन हुए..!!

सारा विश्व ये समाचार सुनकर आश्चर्य मुग्ध हो कर हम पर बधाई की बौछार कर  रहा था..!! 

दिल्ली में कैबिनेट की मिटिंग पर मिटिंग हो रही थी और हमने पाकिस्तान को आतंकवादी देश जाहिर कर दिया था,जिसके चलते एक के बाद एक विश्व के हमारे दूसरे  मित्र देश भी हमारी घोषणा का समर्थन कर रहे थे । (हालाँकि,अभी तक अमेरिका ने हमें समर्थन नहीं दिया,पर कोई दिक्कत नहीं,उसे तो हम बाद में देख लेंगे?)

श्रीमनमोहनसिंह के ऐसे साहसिक कदम से,सभी देशवासीओं के तन में वीरत्व का जुनून फैलने के कारण, पूरा देश सार्वजनिक तौर पर आनंद-उत्साह से देश भक्ति के नारे लगाता हुआ,नाचता-गाता हुआ चिल्ला रहा है..!!

देश की सारी प्रमुख न्यूज़ चैनलों पर,दाउद को पकड़ने के दिलधड़क ऑपरेशन के, जारी किए गए वीडियो क्लिपिंग्स बार बार अत्यंत रोचक शैली में दिखाए जा रहे हैं..!!

हमने आजतक कभी जिनकी शक्ल भी न देखी हो,ऐसे मिलिट्री के लान्स नायक से लेकर मेजर और उससे भी उपर की रेन्क के निवृत्त आला अफ़सर तक, तथाकथित निष्णातों को पकड़-पकड़ कर कैमरे के सामने बिठा कर, आतंकवादी दाउद पकड़ा गया उस वक़्त  जल्दी सवेरे सवेरे, उस बेचारे को, हमारे कमान्डोने, चाय-नाश्ते से लेकर,  ठीक से स्नान इत्यादि करने का मौका भी, दिया होगा कि नहीं? जैसे नाज़ुक विषय पर, बार बार एक ही सवाल दोहरा के, सभी संवाददाता अपनी-अपनी चैनल के टी.आर.पी. बढ़ाने का जुगाड़ कर रहे थे..!! 

वैसे संवाददाता का इसमें क्या दोष, वे बेचारे तो बढ़ा चढ़ा कर, ऐसी चर्चा कर के, दाउद को पकड़ने के दिलघड़क `ऑपरेशन दाउद` के बारे में, हमारी जिज्ञासा का समाधान कर के, आखिर में हमारे अमूल्य ज्ञान में वृद्धि करने की भरपूर कोशिश कर रहे थे..!!

हालाँकि, हमारी सरकार ने  `ऑपरेशन दाउद`के जारी किए हुए पूरे वीडियो क्लिपिंग्स में, दाउद के बाथरूम में धो ने के लिए पड़े हुए,दाउद के चड्डी-बनियान का दृश्य लगातार दिखा कर, सचमुच दाउद स्नान इत्यादि करके, जब  चाय-नाश्ता करने बैठने ही वाला था, उसी वक़्त, हमारे कमांडो के हाथों जिंदा पकड़ा गया,इस बात को साबित करने के लिए,सभी चैनलों के संवाददाता बेताबी से प्रयत्न कर रहे थे..!!

बीच बीच में हमारे छोटे से टीवी के भीतर, छोटी-छोटी  दूसरी चार-पांच खिड़की से (Windows) झांक कर, टीवी के क्षेत्रीय संवाददाता, उनके सहयोगी कैमरामेन को,`कैमरा यहाँ घुमाना-ज़रा वहाँ घुमाना` जैसी सूचनाएँ दे कर, पूरे देश के मूख्य नगरों की अति उत्साहित जनता के आघात-प्रत्याघात तथा ढोल-नगाड़े-बाजे सहित, आनंदोत्सव के दृश्य, सारे दर्शकों को बार-बार दिखा रहे थे..!!

पर, अरे...!! ये क्या? कुछ चैनल के रिपोर्टर तो, पूर्व प्रधानमंत्री श्रीअटल बिहारी वाजपेयीजी का साक्षात्कार करने उनके निवास स्थान पर पहुँच चुके हैं..!! 

अपनी तबियत ना-दुरुस्त होते हुए भी श्रीअटल बिहारी वाजपेयीजी अपने निवास स्थान के बरामदे में, आराम कुर्सी में बैठ कर, बचे कुचे जोश के साथ, अपनी सुप्रसिद्ध कविता, "हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा. काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ."ललकारते हुए, साथ-साथ श्रीलालकृष्ण आडवाणीजी के हाथों अपना मुँह भी मीठा करवा रहे हैं ..!!

एक रिपोर्टर श्रीअटलजी से सवाल कर रहा है," ये बताइए, बांग्ला देश के विजय के समय,श्रीमती इंदिरा गांधी में आप को, माँ दुर्गा के दर्शन हो रहे थे, क्या इस वक़्त `ऑपरेशन दाउद` के सफल होने पर, आज एक बार फिर,आप को श्रीमती सोनिया गांधी में, माँ दुर्गा के  दर्शन हो रहे हैं?"

रिपोर्टर का सवाल ठीक से समझने की कोशिश में, श्रीवाजपेयीजी ने अपना खुला मुँह ज्यादा देर तक खुला ही  छोड़ दिया,इसी बीच दूसरी चैनल के रिपोर्टर ने दूसरा सवाल पूछ लिया," क्या ये बात सच है कि आपके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के साथ हुए `आगरा वार्तालाप` में  वहाँ के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के साथ,` वन टू वन` मिटिंग में, दाउद को पकड़ ने को लेकर,आप दोनों के बीच गुप्त समझौता हुआ था?" 

इस सवाल का जवाब देने के लिए भी श्रीवाजपेयीजी ने जैसे अपना मुँह फिर खोला, उसी वक़्त श्रीमतीसुष्मा स्वराज ने अचानक, उनके अधखुले मुँह में मिठाई का टुकड़ा रख दिया, अब किसी को खाते समय तकते रहना तो बहुत बूरी बात है..!! अतः मैंने चैनल ही बदल दिया ।

जैसे ही दूसरी चैनल पर मैंने शिवसेना प्रमुख श्रीबालासाहब और गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीनरेन्द्र मोदीजी को देखा..!! उनका व्यू जानने के लिए, उत्सुकता वश मैं वहीं थम गया । वे दोनों एक ही सुर में, एक ही बात कह रहे थे,"हमारी केन्द्रीय सरकार को ऐसे मर्दानगी भरे कदम बहुत समय पहले उठा लेने चाहिए थे, अमेरिका के, `ऑपरेशन ओसामा` के बाद किए गए इस `ऑपरेशन दाउद` को सब अमेरिकन कमांडो के,`Geronimo IKEA - enemy killed in action.`कि हूबहू नक़ल ही मानेंगे..!!"

अरे..!! इसी चैनल पर अभी अभी ब्रेकिंग न्यूज़ फ्लैश हो रहा है..!! 

हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस के चैरमेन सैयद शाह गिलानी ने कश्मीरी अवाम को, बेकसूर दाउद को तुरंत रिहा करवाने के लिए, अगले जुम्मे के दिन,`नमाज़-ए-आज़ादी` पढने के लिए आह्वान किया है?

इंडिया टीवी चैनल के सर्वेसर्वा श्रीरजत शर्मा,`जनता की अदालत` में योगगुरु बाबा श्रीरामदेवजी पर आरोप थोप रहे हैं," आप हर वक़्त वर्तमान सरकार की टीका टिप्पणी करते हैं, सरकार के ऐसे साहसिक कदम के बारे में अब आप क्या कहेंगे?"

यह सुनकर, बाबा अपने पेट के नाभी वाले हिस्से को,  पीछे  मेस्र्रज्जु तक धकेल कर, पेट को श्रीरजतजी के सामने गोल-गोल घुमाते हुए, गोल-मोल उत्तर देते हैं,

" देखिए..सुनिए..आप ही बताइए..!! ये सरकार कितनी बड़ी निकम्मी और नाकारा है..!! मैं,  चलन से  अधिकतम मूल्य की नोट रद्द करने की उनसे माँग करता हूँ, तो ये लोग देखो, तीस जुन २०११ से `चवन्नी` रद्द करने का एलान कर देते हैं? भ्रष्टाचार मिटाने का हमारा लक्ष्य इस तरह पूरा हो पाएगा क्या? दाउद तो पकड़ा गया,पर उसकी मदद से, हमारे भ्रष्ट नेताओं ने, फोरेन की बैंकों में, जो साढे चार ह..ज़ा..र करोड़ रुपया जमा किया है उसे वापस लाना अभी बाकी हैं ना..हैं..ई..हैं..ई..हैं..ई?

इन सभी व्यू में श्रीशरद पवारजी ने अपने बिलकुल बेतुके व्यू भी जोड़ दिए है, वे कह रहे हैं," कोई कुछ भी कहता हो, महँगाई के बारे में भले ही मैं भविष्यवेत्ता नहीं हूँ, पर मैंने भविष्यवाणी की थीं जो सच्ची हो गई,`ऑपरेशन दाउद` की प्रेरणा पाकिस्तान को क्रिकेट वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में  हरा कर, हमारे `धोनी आणी मंडली` ने ही दी है..!!"

इतने सारे लोगों के साथ कुछ गिने चुने स्थानीय काँग्रेसी नेता(?) `ऑपरेशन दाउद` का सारा श्रेय श्रीमती सोनिया गांधी और युवराज श्रीराहुल गांधी के सफल नेतृत्व को दे रहे हैं ।  

भगवान शिवजी के गले में लिपटे हुए सांप की तरह,बिना वजह गले में मफ़लर लपेट कर, अत्यंत गंभीर मुख मुद्रा धारण कर के, कॉग्रेस के कदावर नेता श्रीदिग्विजयसिंहजी, किसी भी नपुंसक की मर्दानगी को जगा देने वाला, शौर्यवान बयान कर रहे है," देखिए, हम आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं..!!अब जब पाकिस्तान की संसद में, उनके प्रधानमंत्री श्रीयुसुफ रजा गिलानीजी, खुद ने ये बयान दिया है कि, आदरणीय मर्हुम शहीद श्रीओसामाजी लादेनजी को आतंकी बनानेवाला अमेरिका ही है? ऐसे में अगर भारत में अगले चुनाव में काँग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ श्रीराहुल गांधीजी के युवा नेतृत्व में केन्द्र में सत्तारूढ होती है तो, हम अमेरिका को भी सब से बड़ा आतंकवादी राष्ट्र ज़ाहिर कर के, वहाँ भी कमान्डो ऑपरेशन कर के दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी प्रेसिडन्ट ओबामा को भी ज़िंदा पकड़ कर ले आयेंगे?"

ये सुनकर श्रीदिग्विजयसिंह के इर्दगिर्द खड़े कई कार्यकर्ताओं ने, `देश का नेता कैसा हो? श्रीराहुल गांधी जैसा हो` के नारे लगाने शुरू कर दिए । 

एक स्थानीय काँग्रेसी नेता ने तो, जोश में आकर यहाँ तक कह दिया," हमारे युवा नेता श्रीराहुलजी जिस प्रकार अप्रतिम शौर्य दिखाते हुए, रात के अंधेरे में, भट्टा परसौल गाँव में घुस कर, सुश्रीमायावतीजी के आतंक के खिलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए,` Geronimo IKEA` प्रकार के`ऑपरेशन लेन्ड`को अकेले ही अंजाम दे आए, इसे ध्यान में लेते हुए,अमेरिका में, आधी रात को, कमांडो ऑपरेशन कर के `ऑपरेशन ओबामा` को अंजाम देना,उनके लिए बस चुटकियोँ का खेल है..!!"

दोस्तों ये तो ग़जब ही हो गया..!! अभी-अभी पाकिस्तान ने हमारे कमांडो ऑपरेशन से भयभीत हो कर, हमारे गृह मंत्री श्रीचिदंबरमजी के दिए हुए मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी के लिस्ट के मुताबिक, सारे के सारे पचास आतंकवादी भारत में  बाय प्लेन भेज दिए  हैं..!! 

श्रीचिदंबरमजी ने, पाकिस्तान के गृहमंत्री श्रीरहमान मलिक को फोन किया और बताया कि, हमारी भेजी गई लिस्ट में तीन चार आतंकवादी के नाम ग़लती से अधिक लिखे गए हैं..!! फिर भी पाकिस्तान के गृहमंत्री श्रीरहमान मलिक  दिल्ली भेजे गए सारे के सारे पचास आतंकवादी भारत के पास ही रखने के लिए श्रीचिदंबरमजी से, ये कह कर, गिड़गिड़ा रहे है कि,

"हम ये बात मानने को तैयार ही नहीं है कि, जो देश पाकिस्तान में, रात के अंधेरे में छापा मार कर, अमेरिका जैसा साहसिक कमांडो ऑपरेशन करने की क्षमता रखता हो, उनके गृह मंत्री श्रीचिदंबरमजी द्वारा  भेजे गए लिस्ट में ग़लती हो ही नहीं सकती..!!"  

इतना कुछ देखने-सुनने के बाद, ठीक है, कोई कुछ भी कहे, मुझे अब पक्का यकीन हो गया है कि, हमारे सफल कमांडो `ऑपरेशन दाउद` के बाद..!!

* अब चाइना भी हम से भयभीत हो कर, जम्मू-कश्मीर के अलग नक्शे बनाना तुरंत बंद कर देगा..!! * जम्मू-कश्मीर के लोगों को अलग वीज़ा देने से पहले अब वह सौ बार सोचेगा..!! * हमारे हिमालय के आसपास,हमारी बिना इजाज़त लिए चाइना द्वारा  बनाये गए सारे मार्ग,वह बगैर माँगे हमें सुपुर्द कर देगा..!! * पाकिस्तान को परमाणु बम तकनीक से लेकर अन्य सारी सहायता वह बंद कर देगा..!! 

* हमारे देश की जनता अब वीर भगतसिंह, सावरकर, चंद्रशेखर आज़ाद के  देश प्रेम आदर्श को फिर से जीवित करेगी..!! 

* हमारे देश का युवा धन `ऑपरेशन दाउद` के जोश भरे माहौल से नये सिरे से चार्ज हो कर देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने की भावना को बढ़ावा देंगे..!!

आज के बाद, अमेरिका की दादागीरी,अंग्रेजों की बुद्धिमत्ता,जापान का देशप्रेम,इसराइल की हिम्मत, सउदी अरब की अमीरी, चीन की चालाकी जैसी सारी विशिष्टताओं को अपनाने की सलाह दे कर, देश का शासन युवाओं को सौंप कर, हमारे बूढ़े हो चले सारे नेता लोग, स्वैच्छिक एकान्त वास पसंद कर के, उनके जीवनकाल के दौरान हुए, कड़वे-मीठे अनुभव के अमूल्य (?) संस्मरण की किताबें लिखने का पून्य कार्य करेंगे..!!

इतना ही नहीं, ऐसे देशप्रेमी युवा शासन कर्ता, सत्ता संभालने के दूसरे ही दिन,अभी तक पकड़े गए सारे आतंकवादी दाउद, अफज़ल गुरु, अजमल कसाब और दूसरे कई देशद्रोही गुनाहगार को सैन्य कोर्ट में, हमारे देश विरुद्ध  षडयंत्र और अघोषित युद्ध के आरोप में, शीघ्र कार्यवाही कर के, चंद दिनों में देहांत दंड की सज़ा कराएँगे..!!

हालाँकि, मुझे तो अब डर सिर्फ एक बात का है, पाकिस्तान अगर चीन के बहकावे में आ कर, हम पर कहीं परमाणु बम से हमला करने का साहस कर देगा तब..!!

अरे..!! बम के गिरने और फटने की ये कैसी आवाज़ है? 


लगता है, आखिर बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने हम पर परमाणु बम से हमला कर दिया लगता है, चलो जीव, अभी तो भाग कर घर में कही सलामत जगह ढूंढ कर छुप जाने में ही भलाई है? जान बची तो लाखों पाएँ..!!


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"दवेजी..अरे..दवेजी..!!! ये अखबार और कागज़ का ढेर, बरामदे में छोड़ कर कहाँ चले गए? देखिए,  आवारा गधे, आपके कागज़ात खा रहे हैं..!!

प्यारे दोस्तों, सामनेवाले घर के बरामदे में खड़े हो कर हमारे पड़ोसी शर्माजी, ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ देकर, मुझे बाहर बुला रहे थे ।

मेरा सुखदाई  ख़्वाबिया हवा महल तब ध्वस्त हो गया जब, मैंने देखा कि, पाकिस्तान ने हम पर कोई परमाणु बम फेंके नहीं थे, बल्कि सोसायटी के बाहर मुख्य मार्ग पर किसी शादी के जूलुस में बाराती, बम जैसे बड़े पटाखे फोड़ रहे थे..!!

यहाँ मारे डर के भागते वक़्त, बरामदे में मेरे द्वारा छोड़े गए रद्दी काग़ज़ के कुछ अवशेष इधर-उधर पड़े थे..!!

मुझे अधिक दुःख तब हुआ जब मैंने देखा कि, मेरी धर्म पत्नी को आजतक लिखे हुए, इत्र की सुगंध से अभी तक महकते, मेरे  प्रेमपत्र का एक रद्दी बंडल भी, एक आवारा गधा बड़े मज़े लेकर चबा रहा था..!!

मेरे जैसे अति ज्ञानी(?), समर्थ विद्वान साहित्यकार के(?), अद्वितिय, अलौकिक, अद्भुत प्रेम की अभिव्यक्ति समान,  प्यार तथा  इत्र की सुगंध से महकते प्रेम पत्र की आखिर में ऐसी गदर्भ-मलोत्सर्गति? 

कुदरत का ये कैसा न्याय? 

अब क्या ये आवारा गधों द्वारा, मेरे प्यार और इत्र से महकते प्रेमपत्र के बंडल की, सुबह होते-होते तो नरकावासाद्‍गति हो जाएगी?
मैं अभागा, इसके आगे और कुछ न सोच पाया..!! 

खैर,जो होना था, सो हो गया, होनी को तो कौन टाल सकता है?

कई बार इस गदर्भ घटना के बारे में जब मैं सोचता हूँ तब ऐसा ध्यान आता  है, कई बरसों से  पाकिस्तान के  आतंकी अड्डे बंद करने और उनके वहाँ  छुपे मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी को हमारे हवाले करने के लिए, हम भी अपनी `लाचारी` का  इत्र छिड़क कर कई  बार अनगिनत प्रेमपत्र भेज चुके हैं..!! हाँ, ये बात और है कि, पाकिस्तान नामक `आतंकवादी गदर्भराज` हमारे प्रेमपत्र के बंडल को बड़े चाव से  चबा जाता है और रसीद के तौर पर डकार तक नहीं लेता है?

वैसे `रूझवॅल्ट` झूठ थोड़े ही ना बोलता होगा कि, 

" No one can make you feel inferior without your consent." 

- ELEANOR ROOSEVELT (1884-1962).U.S.Writer; Lecturer.

हमारे पड़ोसी शर्माजी कहते हैं," भारत की मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी लिस्ट की  `मानवीय भूल` की आजकल विश्व भर में जिस प्रकार फ़ज़ीहत हो रही है, उससे लगता है कि, ये सारे कांड का कर्ताधर्ता खुद `दाउद` है  क्योंकि, अमेरिका की `C.I.A`; पाकिस्तान की `I.S.I` और  हमारी `I.B.` से भी बढ़िया जासूसी नेटवर्क, आतंकवादी `दाउद`का है, क्या पता खुद को बचाने के लिए अमेरिका और पाकिस्तान सरकार के साथ गुप्त समझौता कर के, खुद दाउद ने `ओसामा बिन लादेन` का पता अमेरिका को दिया हो?"

मुझे लगता है, शर्माजी की बात में दम तो है..!! 

हालाँकि, इस ख़्वाबिया हवा महल सेम उम्मीद की एक किरन मुझे अवश्य दिखाई दे रही है । पाकिस्तान को पछाड़ने का स्वप्न आज मुझे आया है, कल दूसरे को,फिर तीसरे को, फिर चौथे को, बाद में सारे देश को और सब से आखिर में हमारे प्रधानमंत्रीजी तथा गृहमंत्रीजी को भी ऐसे मर्दाना स्वप्न आने लगेंगे..!!

और तब देख लेना इन मर्दों का करिश्माई कमाल? 

जिस दिन हमारी सरकार का दिमाग भड़क गया ना..!! उस रोज या तो पाकिस्तान/अमेरिका नहीं या फिर आतंकवाद नहीं..!! हम आतंकवादी पाकिस्तान, उसके गुरू घंटाल अमेरिका और/या तो उनके पैदा किये गए सारे आतंकीओं को हरगिज नहीं  छोड़ेंगे..!! (अगर पकड़े गये तो..ओ..ओ..ही..ही..ही..ही..!!)

वैसे, जनता तो ये मानती है कि,

"हस्ती अंकुशमात्रेण वाजी हस्तेन ताड्यते।
श्रृङ्गी लगुडहस्तेन खड्गहस्तेन दुर्जनः॥" - चाणक्य

अर्थात् - हाथी को अंकुश से, घोडे को हंटर से और जानवर को डंडे से वश में किया जा सकता है,परंतु  दुष्ट लोगों से मुक्ति पाने के लिए,उनका संहार करना पड़ता है ।"

बॉस, आप क्या मानते हैं? 

जय..जय..हिन्दुस्तान..!! 

जय..जय विद्वान पाठकश्री..!!

मेरा ब्लॉग-


मार्कण्ड दवे । दिनांकः २०-०५-२०११.

शनिवार, 21 मई 2011

आतंकवादी गदर्भराज । part-2


आतंकवादी गदर्भराज ।
(सौजन्य-गूगल)

देश की सारी प्रमुख न्यूज़ चैनलों पर,दाउद को पकड़ने के दिलधड़क ऑपरेशन के, जारी किए गए वीडियो क्लिपिंग्स बार बार अत्यंत रोचक शैली में दिखाए जा रहे हैं..!!

हमने आजतक कभी जिनकी शक्ल भी न देखी हो,ऐसे मिलिट्री के लान्स नायक से लेकर मेजर और उससे भी उपर की रेन्क के निवृत्त आला अफ़सर तक, तथाकथित निष्णातों को पकड़-पकड़ कर कैमरे के सामने बिठा कर, आतंकवादी दाउद पकड़ा गया उस वक़्त  जल्दी सवेरे सवेरे, उस बेचारे को, हमारे कमान्डोने, चाय-नाश्ते से लेकर,  ठीक से स्नान इत्यादि करने का मौका भी, दिया होगा कि नहीं? जैसे नाज़ुक विषय पर, बार बार एक ही सवाल दोहरा के, सभी संवाददाता अपनी-अपनी चैनल के टी.आर.पी. बढ़ाने का जुगाड़ कर रहे थे..!! 

वैसे संवाददाता का इसमें क्या दोष, वे बेचारे तो बढ़ा चढ़ा कर, ऐसी चर्चा कर के, दाउद को पकड़ने के दिलघड़क `ऑपरेशन दाउद` के बारे में, हमारी जिज्ञासा का समाधान कर के, आखिर में हमारे अमूल्य ज्ञान में वृद्धि करने की भरपूर कोशिश कर रहे थे..!!

हालाँकि, हमारी सरकार ने  `ऑपरेशन दाउद`के जारी किए हुए पूरे वीडियो क्लिपिंग्स में, दाउद के बाथरूम में धो ने के लिए पड़े हुए,दाउद के चड्डी-बनियान का दृश्य लगातार दिखा कर, सचमुच दाउद स्नान इत्यादि करके, जब  चाय-नाश्ता करने बैठने ही वाला था, उसी वक़्त, हमारे कमांडो के हाथों जिंदा पकड़ा गया,इस बात को साबित करने के लिए,सभी चैनलों के संवाददाता बेताबी से प्रयत्न कर रहे थे..!!

बीच बीच में हमारे छोटे से टीवी के भीतर, छोटी-छोटी  दूसरी चार-पांच खिड़की से (Windows) झांक कर, टीवी के क्षेत्रीय संवाददाता, उनके सहयोगी कैमरामेन को,`कैमरा यहाँ घुमाना-ज़रा वहाँ घुमाना` जैसी सूचनाएँ दे कर, पूरे देश के मूख्य नगरों की अति उत्साहित जनता के आघात-प्रत्याघात तथा ढोल-नगाड़े-बाजे सहित, आनंदोत्सव के दृश्य, सारे दर्शकों को बार-बार दिखा रहे थे..!!

पर, अरे...!! ये क्या? कुछ चैनल के रिपोर्टर तो, पूर्व प्रधानमंत्री श्रीअटल बिहारी वाजपेयीजी का साक्षात्कार करने उनके निवास स्थान पर पहुँच चुके हैं..!! 

अपनी तबियत ना-दुरुस्त होते हुए भी श्रीअटल बिहारी वाजपेयीजी अपने निवास स्थान के बरामदे में, आराम कुर्सी में बैठ कर, बचे कुचे जोश के साथ, अपनी सुप्रसिद्ध कविता, "हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा. काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ."ललकारते हुए, साथ-साथ श्रीलालकृष्ण आडवाणीजी के हाथों अपना मुँह भी मीठा करवा रहे हैं ..!!


एक रिपोर्टर श्रीअटलजी से सवाल कर रहा है," ये बताइए, बांग्ला देश के विजय के समय,श्रीमती इंदिरा गांधी में आप को, माँ दुर्गा के दर्शन हो रहे थे, क्या इस वक़्त `ऑपरेशन दाउद` के सफल होने पर, आज एक बार फिर,आप को श्रीमती सोनिया गांधी में, माँ दुर्गा के  दर्शन हो रहे हैं?"


रिपोर्टर का सवाल ठीक से समझने की कोशिश में, श्रीवाजपेयीजी ने अपना खुला मुँह ज्यादा देर तक खुला ही  छोड़ दिया,इसी बीच दूसरी चैनल के रिपोर्टर ने दूसरा सवाल पूछ लिया," क्या ये बात सच है कि आपके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के साथ हुए `आगरा वार्तालाप` में  वहाँ के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के साथ,` वन टू वन` मिटिंग में, दाउद को पकड़ ने को लेकर,आप दोनों के बीच गुप्त समझौता हुआ था?" 

इस सवाल का जवाब देने के लिए भी श्रीवाजपेयीजी ने जैसे अपना मुँह फिर खोला, उसी वक़्त श्रीमतीसुष्मा स्वराज ने अचानक, उनके अधखुले मुँह में मिठाई का टुकड़ा रख दिया, अब किसी को खाते समय तकते रहना तो बहुत बूरी बात है..!! अतः मैंने चैनल ही बदल दिया ।


जैसे ही दूसरी चैनल पर मैंने शिवसेना प्रमुख श्रीबालासाहब और गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीनरेन्द्र मोदीजी को देखा..!! उनका व्यू जानने के लिए, उत्सुकता वश मैं वहीं थम गया । वे दोनों एक ही सुर में, एक ही बात कह रहे थे,"हमारी केन्द्रीय सरकार को ऐसे मर्दानगी भरे कदम बहुत समय पहले उठा लेने चाहिए थे, अमेरिका के, `ऑपरेशन ओसामा` के बाद किए गए इस `ऑपरेशन दाउद` को सब अमेरिकन कमांडो के,`Geronimo IKEA - enemy killed in action.`कि हूबहू नक़ल ही मानेंगे..!!"


अरे..!! इसी चैनल पर अभी अभी ब्रेकिंग न्यूज़ फ्लैश हो रहा है..!! हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस के चैरमेन सैयद शाह गिलानी ने कश्मीरी अवाम को, बेकसूर दाउद को तुरंत रिहा करवाने के लिए, अगले जुम्मे के दिन,`नमाज़-ए-आज़ादी` पढने के लिए आह्वान किया है?


इंडिया टीवी चैनल के सर्वेसर्वा श्रीरजत शर्मा,`जनता की अदालत` में योगगुरु बाबा श्रीरामदेवजी पर आरोप थोप रहे हैं," आप हर वक़्त वर्तमान सरकार की टीका टिप्पणी करते हैं, सरकार के ऐसे साहसिक कदम के बारे में अब आप क्या कहेंगे?"

यह सुनकर, बाबा अपने पेट के नाभी वाले हिस्से को,  पीछे  मेस्र्रज्जु तक धकेल कर, पेट को श्रीरजतजी के सामने गोल-गोल घुमाते हुए, गोल-मोल उत्तर देते हैं,

" देखिए..सुनिए..आप ही बताइए..!! ये सरकार कितनी बड़ी निकम्मी और नाकारा है..!! मैं,  चलन से  अधिकतम मूल्य की नोट रद्द करने की उनसे माँग करता हूँ, तो ये लोग देखो, तीस जुन २०११ से `चवन्नी` रद्द करने का एलान कर देते हैं? भ्रष्टाचार मिटाने का हमारा लक्ष्य इस तरह पूरा हो पाएगा क्या? दाउद तो पकड़ा गया,पर उसकी मदद से, हमारे भ्रष्ट नेताओं ने, फोरेन की बैंकों में, जो साढे चार ह..ज़ा..र करोड़ रुपया जमा किया है उसे वापस लाना अभी बाकी हैं ना..हैं..ई..हैं..ई..हैं..ई?


दोस्तों, अब आगे? आप पढ़ते-पढ़ते थक गए क्या? आगे और भी है..!! 

आतंकवादी गधे की  ख़्वाबिया फॉबिया कहानी और पाकिस्तान के प्रत्याघात का अंतिम रोचक हिस्सा..कल इसी स्थान पर..!!
तो फिर मिलते हैं कल..!!

जय..जय..माँ दुर्गा..!! 

जय..जय..हिन्दुस्तान..!! 

जय..जय विद्वान पाठकश्री..!!

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मेरा ब्लॉग-

मार्कण्ड दवे । दिनांकः २०-०५-२०११.