मंच पर सक्रिय योगदान न करने वाले सदस्यो की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है, यदि कोई मंच पर सदस्यता के लिए दोबारा आवेदन करता है तो उनकी सदस्यता पर तभी विचार किया जाएगा जब वे मंच पर सक्रियता बनाए रखेंगे ...... धन्यवाद   -  रामलाल ब्लॉग व्यस्थापक

हास्य जीवन का अनमोल तोहफा    ====> हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं।

हँसे और बीमारी दूर भगाये====>आज के इस तनावपूर्ण वातावरण में व्यक्ति अपनी मुस्कुराहट को भूलता जा रहा है और उच्च रक्तचाप, शुगर, माइग्रेन, हिस्टीरिया, पागलपन, डिप्रेशन आदि बहुत सी बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है।

सोमवार, 19 नवंबर 2012



                                   
                                      
                   

गणित के अध्यापक ने एक विध्यार्थी से पूछा -

                             

                   यदि तुम्हारे पास 12 चॉकलेट हों,                                     
                                     
                                     
                   और उसमें से तुमने,


                   5 जेनी को दिए,


                   3 रूमा को दिए,


                   और 4 रफीक को दिए,


                   तो तुम्हारे पास क्या बचेंगे  ???


                   विध्यार्थी ने बेझिझक तुरंत जवाब दिया-


                   सर.... तींन गर्ल फ्रेंड.
                                      ृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृृ                         

                                      एम.आर.अयंगर. 


मंगलवार, 13 नवंबर 2012

Municiplity ka pani....









Teacher: Water ka formula batao



Student: H2O MgCl2 CaSO4 AlCl3 NaOH 


HNO3 H2SO4 HCl CO2



Teacher: Ye kya hai?


Student: Sir ye Municipality ka pani 





hai..! :)

बुधवार, 29 अगस्त 2012

वैसे तो टीटोटालर हूँ...



वैसे तो टीटोटालर हैं...

दारू शराब सब लत ही है,
करती खराब दौलत ही है,
होता है असर सेहत पर भी
पड़ती है मगर आदत फिर भी,

जब मुफ्त मिलेगी तो यारों,
क्यों हद की बात करो यारों,
जितनी आती है आने दो,
ऐसे ही रात बिताने दो.

फोकट में मिलेगी तो बोलो,
जो भी हो बोतल खोलो,
कुछ फर्क नहीं पड़ता हम-दम,
हो ठर्रा विस्की या हो रम.

काजू किशमिश तो आएँगे,
अंडे, नमकीन मँगाएँगे,
चिल्ली-चिकन भी मँगवालो,
फ्राई-पनीर भी करवालो.

जब तक जेबें हैं भारी,
कब कौन कहाँ है लाचारी, मेरी
अंटी को हाथ लगाना मत,
आंटी को कुछ बतलाना मत.

दो चार पेग जो बढ़ जाएँ,
थोड़ी मुश्किल में पड़ जाएँ,
वो बने डाक्टर बैठे हैं,
क्यों फीस ये इतने ऐँठे हैं.

ये दवा ठीक कर जाएँगे,
पैसे वापस मिल जाएँगे,
फिर हर्ज ही क्या है पीने में,
मस्ती मस्ती में जीने में.

बस एक बात का ध्यान रहे,
अपने बड़ों का मान रहे,
माँगो मत पैसे खाने के,
पीने और पिलाने के.

वैसे तो टीटोटालर है...

एम.आर.अयंगर. /  290812.

रविवार, 22 जुलाई 2012

गाँधीजीबचिए !!!!!!!! राष्ट्रपिता या भारत रत्न ?????


तमाम बचपन बापूजी को राष्ट्रपिता जाना.

कुछेक समय पहले किसी बिटिया ने सवाल किया - 

बापूजी को राष्ट्रपिता का संबोधन देने वाले कागजात पेश करें.

सरकार मूक रह गई.

अब सरकार ने खुलासा किया कि बापू को 'राष्ट्रपिता'  

का   संबोधन औपचाकिक तौर पर दिया ही नहीं गया.

मुझे डर है कि यह सरकार अपने उधेड़बुन में बचने बचाने के लिए ............... 

आपको भारत रत्न से सम्मानित न कर दे.

इनके समझ से परे है कि भारत के राष्ट्रपिता ,  

भारत रत्न  कैसे हो जाएंगे ????

सरकार अपनी हँसी  न ही उड़ाए तो बेहतर होगा. !!!!!!!


अयंगर.
9425279174.

सोमवार, 14 मई 2012

भाषा


                                        
                                हिंदी.....


                               आज ही एक मित्र से सूचना दी ...


                               कि ..  हिंदी






                              राजनीतिज्ञों  ने इसे राष्ट्रभाषा बनाना चाहा...... 


                              नहीं बन सकी...


                             संविधान कर्मियों ने इसे राजभाषा बनाना चाहा...


                             कानूनन तो बन गई पर ...


                             पर लोगों के दिलों में जगह न पा सकी...
     
                             ऊपर वाले की मेहरबानियों से .........


                             हमारी मातृभाषा नहीं बन सकी...


                             पर हाय री किस्मत ....


                             यह मात्र भाषा रह गई...






                              एम.आर.अयंगर.
                              9425279174.

बुधवार, 11 अप्रैल 2012

राष्ट्र ....

                                           


                                             हमारे देश में ...

                                             एक राष्ट्र पिता हैं...

                                             और एक राष्ट्र पति ....

                                             ......... राष्ट्र.........

                                            एक बच्चे ने तो पूछ ही लिया कि

                                            महात्मा को राष्ट्र पति बनाने के रिकॉर्ड बताएं ..

                                            सरकार के पास कुछ भी तो नहीं मिला...

                                            नाम से तो यही प्रतीत होता है कि राष्ट्रपति राष्ट्रपिता के दामाद हैं...

                                            अब तो राष्ट्रपति भी नारी हैं...
                                   
                                            इसका विष्लेषण कैसे करें...





                                          एम.आर अयंगर. 

रविवार, 25 मार्च 2012

ये बताओ दुनिया का सबसे बड़ा जानवर कौन है?........अरशद अली

मिसेज़ शर्मा परेशान हैं ..
पत्नी ने धीरे से कहा

मैंने पूछा क्यों?

पत्नी ने कहा अपने बच्चों को लेकर
चिंतीत हैं

मैंने पुनः पूछा क्यों?

पत्नी ने कहा
बच्चे हाज़िर ज़वाब हो गए हैं

मैंने कहा
इसमें चिंता के क्या बात है
बच्चे हैं उनके अपने भी ज़ज्बात हैं
देखता हूँ समय पर स्कूल आते जाते हैं
सभी से तमीज़ से पेश आते हैं
तुम औरत खामखा की आफत हो
चिंतीत हीं रहती हो जब सब कुछ सलामत हो

पत्नी कही
नहीं-नहीं तुम समझ नहीं रहे हो
और ना हीं समझ पाओगे
आज मिसेज़ शर्मा को चाय पर बुलाई हूँ
बच्चे कैसे हैं तुम भी जान जाओगे

तयशुदा कार्यक्रम के तहत
मिसेज़ शर्मा अपने तीनो बच्चों के साथ आ गयीं
बच्चों की मुस्कराहट मुझे भा गयी
मैंने कहा भाभी जी,आपने बच्चों को
अच्छे संस्कार सिखलाएँ हैं
आपके पास तो हर मर्ज़ की दवाएं हैं

मिसेज़ शर्मा ने कहा,
नहीं भाई साहब बच्चों में एक नयी तरह की उमंग है
मै, मेरा पूरा परिवार इन तीनों से तंग है

मैंने कहा छोडिये मै बच्चों से हीं बात करता हूँ

सबसे पहले छोटे बच्चे "छोटू" से कहा,
तुम तो बहुत अच्छे लग रहे हो
तीनों में तुम सबसे शरीफ बच्चे लग रहे हो
चलो मेरे कुछ प्रश्नों का उत्तर दे दो
इससे पहले आरिज़ भैया (बेटा) के अलमारी से कोई भी खेलौना ले लो
छोटू अलमारी से एक हाथी निकल लाया

मैंने पूछा, बेटा ये बताओ दुनिया का सबसे बड़ा जानवर कौन है?
छोटू झटपट कहा "चूहा"
कैसे पूछने पर कहा
बस इतना हीं जनता हूँ.

मैंने कहा कोई बात नहीं, चलो एक पंछी का नाम बताओ
जो काला होता है?
छोटू बोला नाम तो नहीं पता मगर जानता हूँ कैसे बोलता है
मैंने पूछा कैसे बोलता है यही बताओ
छोटू बोला कावं-कावं

उत्तर सुन कर मिसेज़ और मिसेज़ शर्मा मुस्कुरा रहीं थी
असल में वो मेरी हसी उडा रही थीं

मैंने माहोल देख कर एक प्रश्न और दागा

भों-भों कौन सा जानवर बोलता है ये तो तुम ज़रूर जानते होगे
छोटू कहा,हाँ अंकल इसका भी उत्तर जानता हूँ
मैंने कहा बताओ

छोटू बोला पड़ोस के अंकल के घर में जो जानवर रहता है
वही भों-भों करता है
मैंने कहा ,बेटे उसी जानवर का नाम तो बताओ
छोटू बोला "मोती"

छोटू का उत्तर मेरी जिज्ञासा कम कर कर गया
मै अपने अन्दर की व्यथा हज़म कर गया
इसी क्रम में एक प्रश्न और कर गया
अच्छा छोटू में...में ...कौन बोलता है?

छोटू ने कहा, अभी तो आप हीं बोल रहें हो
उसके बाद मम्मी पापा से मेरा
शिकायत लगाने के क्रम में घर पर बोलेगी..
फिर पापा में..में...करेंगे
अंकल आप हीं बताइए
में...में ... से बच्चे डरेंगे ?

इतना सुनते हीं मै चुप हो गया

थोड़ी देर के बाद कहा, भाभी जी मै भाई साहब से मिल कर बात करता हूँ
बच्चों को समझाने का उनसे मिल कर प्रयास करता हूँ

मिसेज़ शर्मा ने कहा,
भाई साहब आप चिंता मत करें बच्चे सुधर हीं जायेंगे..अभी नयें हैं
आप इनके पापा से मत मिलिए ये बच्चे उनपर हीं गएँ हैं.


अरशद अली

शुक्रवार, 9 मार्च 2012

मुलायम की माया !!!


MAYA AND MULAYAM


WAH KYA BAAT HAI.....

MULAYAM KI MAYA MEIN MAYA MULAYAM HO GAYI.
वाह क्या बात है !!!!!

मुलायम की माया से माया मुलायम हो गई...

Iyengar.

मुलायम की माया...


MAYA AND MULAYAM


WAH KYA BAAT HAI.....

MULAYAM KI MAYA MEIN MAYA MULAYAM HO GAYI.


वाह !!! क्या बात है...

मुलायम की माया से माया मुलायम हो गई..


Iyengar.

बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

बिछना - भबिछाना



बिछना - बिछाना

जमाना बदल रहा है.
काफी बदल गया है.
लेकिन बिछने की आदत अभी कायम है.
पहले आँखें बिछाते थे,
फिर कालीने बिछने लगीं ,
अब लोग खुद बिछ जाते हैं.

लोगों को फख्र महसूस होता है,
लोगों को हर्ष महसूस होता है,
कि अब हम न ही बिस्तर बिछाते हैं,
न ही हम कालीनें बिछाते हैं,
न ही नजरे इनायत बिछाई जाती है,
हम बिछाने में विश्वास नहीं करते ....

हम तो खुद ही बिछ जाते हैं.


एम.आर.अयंगर.
09425279174.

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

कुछ तो लोग कहेंगे ...............अरशद अली




पुरानी धुन सुना तो ऐसा लगा की मेरे मन की छुपी बात को हीं गायक ने दुहराया है
कुछ तो लोग कहेंगे
लोगों का काम है कहना...............
आज पड़ोस के अंकल ने मुझसे कई साल बाद पूछ हीं लिया की मुझे अंकल क्यों कहते हो भैया कहा करो.
मेरा मन खुश था की मुझे अपने आस पास के लोग नोटिस तो करने लगे नहीं तो पहले कभी ऐसा कहाँ हुआ था की बचपन से जिन्हें देख कर बड़ा हुआ वो मुझसे रिक्वेस्ट कर के बात करे. आज मै अंकल को अंकल नहीं भैया कह कर अंपने बड़े होने पर गर्ब कर ही रहा था की आंटी पर नज़र पड़ गयी.आखे गोल कर अभी सोंच हीं रहा था की अंकल तो अभी अभी भैया बन गए अब आंटी को भाभी कह देने पर कोई सामाजिक परेशानी तो नहीं हो जाएगी...
कई बिचारों से गुजरते हूए इसी नतीजे पर पहुँचा की आंटी से हीं पूछ लेना बेहतर होगा,आंटी को थोड़ी देर पहले की बात बताने पर आंटी को गंभीर होते देख यही महसूस हुआ की आज मेरी, नहीं तो अंकल की सामत आई है.
अभी अभी माफ़ी मांगने वाला था की आंटी ने इतना कहा की मुझे मोहल्ले के लडको से भाभी सुनना बिलकुल पसंद नहीं,ऐसा करो तुम मुझे दीदी कह लिया करना.मै मन हीं मन सोंच रहा था की अजब उलझन है अंकल भैया हूए तो हूए आंटी दीदी बन कर रिश्तों के समीकरण में भूचाल लाने पर क्यों तुली हें.चलिए दुनिया तो हर हाल में मुझे अनाप सनाप कहेगी हीं .भले हीं रिश्तों में कोई तालमेल नहीं पर अंकल भैया आंटी दीदी के बीच में सोनू मोनू जो कल तक मुझे भैया कहते थे अब मुझे क्या कहेंगे????
अंकल के भैया सुनने की लालसा ने मुझे सोनू मोनू के भैया से अंकल बना डाला...

मै अपने को इस बात से मनाता रहा की

कुछ तो लोग कहेंगे .................................

मंगलवार, 3 जनवरी 2012

चिथड़ा-चिथड़ा सा कफ़न । (व्यंग गीत ।)





चिथड़ा-चिथड़ा  सा  कफ़न । 
(व्यंग गीत ।)


सड़े - गले   भ्रष्ट   नेता और  मेरे  मुन्ने   की   अम्मा,  
जैसे ही  एक  और  सवेरा  हुआ ? सब  याद  आ  गए..!!


अंतरा-१.


संसद का  गला  फाड़  निकम्मा, घर में  मुन्ने की अम्मा,
जैसे  ही   थैला  राशन  का   पकड़ा,    सब  याद  आ  गए..!!

जैसे  ही  एक   और   सवेरा  हुआ ?  सब   याद  आ  गए..!!


अंतरा-२.


मेरा  कटा  हुआ  पॉकेट, बीबी  का  बिका  हुआ  लॉकेट,  
जैसे  ही  मैंने ,जेब  में  हाथ ड़ाला ? सब याद आ गए..!!

जैसे ही  एक  और  सवेरा  हुआ ? सब  याद  आ  गए..!!


अंतरा-३.

कैसे  समझाऊँ  महँगाई का फंडा, मुन्ने  की अम्मा  को  ?
रात  को  दोनों, सो  गये थे  भूखे, अब  याद  आ  गए..!!

जैसे ही  एक  और  सवेरा  हुआ ? सब  याद  आ  गए..!!


अंतरा-४.


सूखा -सूखा  अधमरा  ये  बदन, चिथड़ा-चिथड़ा  सा  कफ़न,
मैं  और  देश, जब  ख़ड्डे में जा  गिरे ? सब  याद  आ  गए..!!

जैसे  ही   एक   और   सवेरा   हुआ ?   सब  याद  आ   गए..!!


मार्कण्ड दवे । दिनांक-०३-०१-२०१२.

MARKAND DAVE
http://mktvfilms.blogspot.com   (Hindi Articles)