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हास्य जीवन का अनमोल तोहफा    ====> हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं।

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बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

जुगलबन्दी एक झकझकी की.

इस ब्लागवुड में नये-पुराने, छोटे-बडे, गद्य-पद्य सभी प्रकार के चिट्ठाकारों की एक चाह जो शिद्दत से उभरकर सामने आते दिखती है वो ये कि मेरे आलेख के नीचे चारों दिशाओं से टिप्पणियों की भरपूर फसल लहलहाते दिखे । चिट्ठाकार इसके लिये जहाँ खडा है वहीं पूरी जागरुकता से विषय तलाश रहा है ।कुछ ज्यादा जागरुक लेखक तो जैसे जब भी अपने कम्प्यूटर से अलग हटते होंगे तो तत्काल केमरा भी उनके साथ चल रहे जरुरी सामान यथा पर्स, चाबी, चश्मा, रुमाल जैसी एक अनिवार्य आवश्यकता के रुप में साथ लग लेता होगा कि विषय के साथ ही चित्र भी तत्काल लपेटे में आ जावे तो सोने में सुहागा । क्या पता कब ऐसा चित्र ही मिल जावे कि बगैर किसी लेख की मेहनत के ही टिप्पणियों का जलजला हमारे लिये लेता आवे और माफी चाहते हुए निवेदन करना चाहूँगा कि मैं भी कोई इस चाहत से अलग नहीं हूँ । तो मेरी व ऐसे सभी चिट्ठाकारों के लिये मेरे मस्तिष्क में एक झकझकी कुलबुला...

रविवार, 13 फ़रवरी 2011

वेलेंटाइन-व्यंग्य............

एक अच्छी लड़की की कहानी गिरीश पंकज   एक कॉलेज का दृश्य। कुछ लड़कियाँ, एक लड़की को घेरकर खड़ी हैं और उसे कोस रही थीं- एक बोली- ''तेरा जीवन बेकार हो गया रे मुन्नी। एक वो मुन्नी है जो अपने डार्लिंग के लिये बदनाम हुई मगर उसका कितना नाम हो गया और एक तू है, जिसके पास एक भी डार्लिंग नहीं है.'' दूसरी चढ़ बैठी - '' तुझे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी।'' तीसरी ने ताना दिया - '' काहे तू इतना पढ़-लिख ली। गँवार ही रहना था तुझको। छि:।'' चौथी लपकी- '' देख हम लोगों को। खानदान कानाम रौशन कर रही हैं : हर एक के पास कितना स्टाक है. एक-एक के पास तीन-तीन, चार-चार ब्वाय फ्रेंड है, लवर हैं.और तू? तेरे पास एक भी नहीं। इसका पहरावा तो देखो। सलवार-कुरता, उस पर चुन्नी। छि:-छि:। चलो सहेलियो, इसके पास खड़े रहना भी पाप है, नहीं-नहीं  महापाप है।'' सारी लड़कियाँ उस लड़की को रुलाकर चली गईं। 'वेलेंटाइन डे' के...

सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

हास्य व्यंग ब्लॉगर्स असोसिएशन - सूचना

ब्लॉगर्स बन्धुओ !आप सभी को हर्ष और बधाई के साथ यह सूचना देना चाहता हूँ कि पाठको कोहास्य और व्यंग लेख एक ही जगह पर उपलब्ध करवाने के लिए एक शक्तिशालीऔर नए मंच का गठन किया जा रहा है जिसका नाम है'हास्य व्यंग ब्लॉगर्स असोसिएशन' ! इस मंच का हिस्सा सभी भारतीय बन सकते है, फ़िर चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में रह रहें हों !!सभी हास्य व्यंग लिखने वाले ब्लॉगर्स से निवेदन है कि वे इस मंच के सदस्य बनकरपाठको को उच्च कोटी का हास्य उपलब्ध कराये इच्छुक हास्य व्यंग लिखने वाले ब्लॉगर्सटिपण्णी में अपना ईमेल एड्रेस दर्ज करा करसदस्य बन सकते हैं.शीघ्र ही इसकी देखरेख के लिए आवश्यक पदों की निर्माण-प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी. निवेदकश्री राम...

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