मंच पर सक्रिय योगदान न करने वाले सदस्यो की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है, यदि कोई मंच पर सदस्यता के लिए दोबारा आवेदन करता है तो उनकी सदस्यता पर तभी विचार किया जाएगा जब वे मंच पर सक्रियता बनाए रखेंगे ...... धन्यवाद   -  रामलाल ब्लॉग व्यस्थापक

हास्य जीवन का अनमोल तोहफा    ====> हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं।

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शनिवार, 30 अप्रैल 2011

आधुनिक बोधकथाएँ -४. सुंदर गायिका ।

अकबर-बिरबल ।  (सौजन्य-गुगल)सुंदर गायिका । अकबर - "बिरबल,तानसेनजी एक माह की पी.एल. (छुट्टी) पर जानेवाले हैं । यार, उनकी जगह मन बहलाने लिए, इस बार अगर सुंदर गायिका का प्रबंध हो जाए, तो मझा आ जाए..!!" बिरबल -" बादशाह सलामत, एक काम करते हैं । सारे राज्य में ढिंढोरा पिटवा के, सुंदर गायिका का इंटरव्यू करते हैं ना, ठीक है?" अकबर -" वैरी गुड आइडिया, बिरबल ऐसा ही करते हैं । तानसेनजी एक हफ़्ते के बाद, छुट्टी पर जानेवाले है,उससे पहले गायिका का एपॉइन्टमेन्ट हो जाना चाहिए,क्या?" बिरबल - " डॉन्ट वरी, जहाँपनाह, मैं हूँ ना..!!  ऐसा ही होगा, आप निश्चिंत रहें ।" तुरंत, सारे राज्य में ढिंढोरा पिटवाया गया । कई रूपमती,नाज़ुक,सुंदर गायिका इंटरव्यू...

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

बेवकूफ पत्नी से डरना चालाक पतियों की चतुराई है ..........अरशद अली

शर्मा जी आधुनिकता का मजाक उड़ा रहे थे. आँखे गोल-गोल नचा रहे थे तभी फोन घनघना गया भरी मीटिंग को एक कॉल खा गया फोन उठते हीं मिसेज शर्मा ने नमस्कार किया अनमने ढंग से शर्मा जी ने नमस्कार सिव्कार किया पत्नी का एक तुगलकी फरमान आया था शाम में बच्चों को घुमाने ले जाना है,याद कराया था मैंने पूछा मिसेज शर्मा तो बड़ी शालीनता से बात कह गयीं शर्मा जी कहे, पत्नी की शालीनता एक तरह की शामत है..... कहते हीं शर्मा जी चुप हो गए पूछा विषय तो अच्छा चुना है,मौन क्यों धारण कर गए शर्मा जी कहे, जैसे वाक्य कहा पत्नी का ख्याल आ गया अच्छा आप भी अन्य पतियों की तरह ,पत्नी से डर गए कौन कहता है ,सारे पती डरते हैं पत्नी तो डराने के लिए हीं बनी है मगर चालाक पती तो डरने का नाटक करते हैं पूछा ,चलिए नाटक हीं सही अब इस नाटक का कारण तो बतलाइये शर्मा जी ने कहा, शादी के बाद हर शेर को सवा शेर मिल...

उल्लू बनाती हो?

एक दिन मामला यों बिगड़ाकि हमारी ही घरवाली सेहो गया हमारा झगड़ास्वभाव से मैं नर्म हूँइसका अर्थ ये नहींके बेशर्म हूँपत्ते की तरह काँप जाता हूँबोलते-बोलते हाँफ जाता हूँइसलिये कम बोलता हूँमजबूर हो जाऊँ तभी बोलता हूँहमने कहा-"पत्नी होतो पत्नी की तरह रहोकोई एहसान नहीं करतींजो बनाकर खिलाती होक्या ऐसे ही घर चलाती होशादी को हो गये दस सालअक्ल नहीं आईसफ़ेद हो गए बालपड़ौस में देखो अभी बच्ची हैमगर तुम से अच्छी हैघर कांच सा चमकता हैऔर अपना देख लोदेखकर खून छलकता हैकब से कह रहा हूँतकिया छोटा हैबढ़ा दोदूसरा गिलाफ चढ़ा दोचढ़ाना तो दूर रहानिकाल-निकाल कर रूईआधा कर दियाऔर रूई की जगहकपड़ा भर दियाकितनी बार कहाचीज़े संभालकर रखोउस दिन नहीं मिला तो नहीं मिलाकितना खोजाऔर...

गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

किसकी प्रॉबलम ज्यादा बड़ी है !!

दो व्यक्ति एक बार में बैठे थे .....एक ने कहा ...." यार.... बहुत फेमिली प्रॉब्लम है"दूसरा व्यक्ति : तु पहले मेरी सुन.......मैंने एक विधवा महिला से शादी कीजिसके एक लड़की थी ...कुछ दिनों बाद पता चला किमेरे पिताजी को उस विधवा महिला कि पुत्री से प्यार है ..और उन्होने इस तरह मेरी ही लड़की से शादी कर ली ..अब मेरे पिताजी मेरे दामाद बन गए और मेरी बेटी मेरी माँ बन गयी..और मेरी ही पत्नी मेरी नानी हो गयी !!ज्यादा प्रॉब्लम तब हुई जब जब मेरे लड़का हुआअब मेरा लड़का मेरी माँ का भाई हो गया तोइस तरह मेरा मामा हो गया . परिस्थिति तो तब ख़राब हुईजब मेरे पिताजी को लड़का हुआमेरे पिताजी का लड़का यानी मेरा भाई मेरा ही नवासा हो गयाऔर इस तरह मैं स्वयं का ही दादा हो गयाऔर स्वयं का ही पोता बन गया और तू कहता है कि तुझे फेमिली प्रॉब्लम है...

बुधवार, 27 अप्रैल 2011

दो और दो कितने होते हैं...

एक सरकारी कार्यालय में एकाउन्टेन्ट के पद के लिए एक उम्मीदवार का इंटरव्यू लिया जा रहा था...परीक्षक ने पूछा : दो और दो कितने होते हैं...?सवाल सुनकर उम्मीदवार उठा और आहिस्ते से कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर झांका...फिर उसने झुककर मेज के नीचे झांका... कहीं कोई न था...फिर वह सारे खिड़की-दरवाजे बन्द कर परीक्षक के कान में फुसफुसाया :कितने होते हैं, इसको मारिए गोली... आप बताइए सर, आप कितने करवाना चाहते हैं...?उसे बिना और कोई सवाल पूछे नौकरी पर रख लिया गया....

मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

दीपक बुझाने के लिए...

एक युगल की शादी को कई साल हो गए, लेकिन उनके घर बच्चा न हुआ...डॉक्टरों-हकीमों की भी मदद ली, लेकिन व्यर्थ...आखिरकार, वे ईश्वर की सहायता लेने के उद्देश्य से एक साधु के पास पहुंचे...साधु ने उनकी व्यथा सुनकर द्रवित होते हुए आश्वासन दिया, "बेटे, तुम बिल्कुल सही समय पर आए हो... मैं कुछ वर्ष के लिए तपस्या करने हिमालय पर्वत पर जा रहा हूं... उसी तपस्या के दौरान मैं तुम दोनों के लिए भी एक दीपक जलाऊंगा, जिससे तुम्हें अवश्य ही संतान प्राप्त होगी..."लगभग 15 वर्ष बाद तपस्या के समापन पर जब साधु महाराज लौटे, उस दंपति का हाल जानने के लिए उनके घर पहुंचे...जैसे ही दरवाजा खुला, साधु ने देखा कि लगभग एक दर्जन बच्चे आंगन में धमा-चौकड़ी कर रहे हैं और हैरान-परेशान-सी...

सोमवार, 25 अप्रैल 2011

नेता है तो देश है..!!

नेता है तो देश  है..!!   (courtesy Google Images) नेता नेता क्या करता है, नेता है तो देश  है..!! छद्म छलावा, रूप निराला,क्यों करता अंदेश* है? (संदेह)*  क्यों करता अंदेश* है?मौज उड़ा ले,जश्न मना ले, नानी तेरी मर गई क्या, फटीं हुई क्यों  ड्रेस है? नेता नेता क्या करता है, नेता है तो देश  है..!! फटीं हुई क्यों ड्रेस है,पहन साड़ी,खादी पहन, नहीं तो तु,बर्बादी पहन,तेरे नाम संदेश है..!! नेता नेता क्या करता है, नेता है तो देश  है..!! तेरे नाम संदेश है,गांधी बेच दिया,नेहरू बेचा, तु  है बाक़ी,तु  भी आजा,क़ीमत राशि कैश  है..!! नेता  नेता  क्या  करता है, नेता है तो देश  है..!! क़ीमत...

'कबीर' नहीं बन सकता .....

हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ा और कहा, "एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?" तो बोला, "पहले खाना खिलाओ।" खाना खिलाया तो बोला, "पान खिलाओ।" पान खिलाया तो बोला, "खाना बहुत बढ़िया था उसका मज़ा मिट्टी में मत मिलाओ। अपन ख़ुद ही देश की छाती पर जीते-जागते व्यंग्य हैं हमें व्यंग्य मत सुनाओ जो जन-सेवा के नाम पर ऐश करता रहा और हमें बेरोज़गारी का रोजगार देकर कुर्सी को कैश करता रहा। व्यंग्य उस अफ़सर को सुनाओ जो हिन्दी के प्रचार की डफली बजाता रहा और अपनी औलाद को अंग्रेज़ी का पाठ पढ़ाता रहा। व्यंग्य उस सिपाही को सुनाओ जो भ्रष्टाचार को अपना अधिकार मानता रहा और झूठी गवाही को पुलिस का संस्कार मानता रहा। व्यंग्य उस डॉक्टर को सुनाओ जो पचास रूपये फ़ीस के लेकर मलेरिया को टी०बी० बतलाता रहा और नर्स को अपनी बीबी बतलाता रहा। व्यंग्य उस फ़िल्मकार को सुनाओ जो फ़िल्म में से इल्म घटाता रहा और संस्कृति के कपड़े उतार कर...

आपने कहाँ किया निवेश ....

सोना - 29 प्रतिशतXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXचांदी - 74 प्रतिशतXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXकच्चा तेल - 40 प्रतिशतXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXसेन्सेक्स -36 प्रतिशतXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX...औरप्याज़ -980 प्रतिशत...अरे यार , एक लाख के प्याज़ खरीदे होते, तो आज करोडपति हो ज...

रविवार, 24 अप्रैल 2011

लौट के बुद्धु आया घर ....

गधे नें सीख लिया कंप्यूटर बैठा रहता दिन-दिन भर न वो अपने काम को जाता न ही बच्चों से बतियाता करता रहता दिन भर चैट दोस्त बन गए उसके रैट आया जीवन में बदलाव खाने लगा गधा भी भाव कुछ दिन तक तो चली कहानी खत्म हो गया राशन पानी गधी नें बेलन एक उठाया गधे के जा सर पर घुमाया भागा अपनी बचा के जान पहुंचा धोबी की दुकान दिन भर बोझा खूब उठाया शाम को घर जब वापिस आया चूर हो गया गधा थक कर सोया खूब पेट भर कर भूल गया उसको कंप्यूटर लौट के बुद्धु आया घरयह कविता http://www.nanhaman.blogspot.com/ से ली गयी...

शनिवार, 23 अप्रैल 2011

रिजेक्स्न लैटर या अपोइंटमेंट लैटर !

लालू प्रसाद जी ने अपना बायो-डाटा माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन, युएसए में नौकरी के पाने के लिए अप्लाई किया! कुछ दिनों बाद वहां से रिप्लाई आया :Dear Mr. Laloo Prasad, You do not meet our requirements.Please do not send any further correspondence.No phone call shall be entertained. Thanks Bill Gates.लालू प्रसादजी खुशी के मारे उछलने लगे इस रिप्लाई को पड़ने के बाद.और उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस की व्यवस्था की : "भाइयों और बहनों,आप को जान कर ख़ुशी होगी की हमको अमेरीका में नौकरी मिल गयी है।" हर कोई आश्चर्य चकित था .लालू जी बोलते रहे ... .. "अब हम आप सब को अपना अपोईंमेंट लैटर पढ़कर सुनाऊंगा,पर लैटर अंग्रेजी में है - इसलिए साथ साथ हिंदी में ट्रांसलेट भी करूंगा।प्यारे...

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

"क्या सभी मर गये थे ???"

नेताओं से भरी एक बस जा रही थी. अचानक बस रोड़ छोड़ कर नीचे खेत में एकपेड़ से जा टकरायी.एक बुढ़ा किसान जिसका वह खेत था दौड़ता हुआ आया. सब कुछदेख उसने एक गड्ढा खोदना शुरू किया और फ़िर उसमे नेताओं को दफ़ना दिया.कुछ दिन बाद स्थानीय प्रशासन को बस के एक्सीडेंट के बारे में पता लगा,उन्होने किसान से पुछा की सारे नेता कहाँ गये.किसान ने बताया की उसने सभी को दफ़ना दिया है.."क्या सभी मर गये थे???" आश्चर्यचकित हो पुछा गयाकिसान ने बताया " नही! कुछ कह रहे थे की वो नही मरे,पर आप तो जानते ही है की ये नेता झुठ कितना बोलते है....

गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

औरत पालने को कलेजा चाहिये .....

एक दिन बात की बात मेंबात बढ़ गईहमारी घरवालीहमसे ही अड़ गईहमने कुछ नहीं कहाचुपचाप सहाकहने लगी-"आदमी होतो आदमी की तरह रहोआँखे दिखाते होकोइ अहसान नहीं करतेजो कमाकर खिलाते होसभी खिलाते हैंतुमने आदमी नहीं देखेझूले में झूलाते हैंदेखते कहीं होऔर चलते कहीं होकई बार कहाइधर-उधर मत ताकोबुढ़ापे की खिड़की सेजवानी को मत झाँकोकोई मुझ जैसी मिल गईतो सब भूल जाओगेवैसे ही फूले होऔर फूल जाओगेचन्दन लगाने की उम्र मेंपाउडर लगाते होभगवान जानेये कद्दू सा चेहरा किसको दिखाते होकोई पूछता है तो कहते हो-"तीस का हूँ।"उस दिन एक लड़की से कह रहे थे-"तुम सोलह की होतो मैं बीस का हूँ।"वो तो लड़की अन्धी थीआँख वाली रहतीतो छाती का बाल नोच कर कहतीऊपर ख़िज़ाब और नीचे सफेदीवाह रे, बीस के शैल चतुर्वेदीहमारे डैडी भी शादी-शुदा थेमगर क्या मज़ालकभी हमारी मम्मी से भीआँख मिलाई होमम्मी हज़ार कह लेती थींकभी ज़ुबान हिलाई होकमाकर पांच सौ लाते...

बुधवार, 20 अप्रैल 2011

परिवार की पत संभाले, वही है पत्नी..!!(इज्जत)

परिवार की पत संभाले, वही है पत्नी..!!(इज्जत)(Courtesy Google images) प्रिय मित्र,  एक बार, एक पति देव से किसी ने सवाल किया,"पति-पत्नी के बीच विवाह - विच्छेद होने की प्रमुख वजह क्या है?"  विवाहित जीवन से त्रस्त पति ने कहा,"शादी..!!"  हमें तो इनका जवाब शत-प्रतिशत सही लगता है.!!  मानव नामक नर-प्राणी,  वयस्क होते ही, अपना जीवन साथी पसंद करने के बारे में, अपनी बुद्धिमत्ता और समझदारी से,कुछ ख्याल को पाल-पोष कर,उसके अनुरूप किसी नारी के साथ विवाह के बंधन में बंध जाता है ।  फिर आजीवन ऐसी गलतफ़हमी में जीता है कि, मेरी पत्नी, मेरे उन ख्याल के अनुरूप, बानी-व्यवहार अपना कर,सहजीवनका सच्चा धर्म निभा रही है..!!  पर, सत्य...

आपमें हिम्मत नहीं की उसे ...

चमन भाई को पता चला की उसके एकाउंटेंट ने उसे ५० करोड़ का चुना लगाया है.एकाउंटेंट गूंगा और बहरा था. उसे नौकरी पर इसलिये लगाया था की बहरा होने के कारण कभी कोई राज़ की बात सुन नहीं सकेगा, और गूंगा होने के कारण कभी कोर्ट में उसके खिलाफ गवाही नहीं दे सकेगा.चमन भाई को गूंगे-बहारो के इशारो की समझ नहीं थी इसलिये पूछताछ के लिए अपने दाहिने हाथ "सटकेला" को ले गया जिसे इशारो की समझ थी.चमन भाई ने एकाउंटेंट से पूछा "बता तुने जो मेरे ५० करोड़ उडाये है वो कहाँ छुपा रखे है?"सटकेला ने इशारो में एकाउंटेंट से पुछा उसने पैसे कहाँ छुपाये.एकाउंटेंट ने इशारे में कहाँ : "मैं कुछ नहीं जानता तुम किं पैसो की बात कर रहे हो"सटकेला ने चमन भाई से कहा: "भाई बोल रहा वो कुछ नहीं...

मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

लालच का अंत ?

       किसी गांव में एक समय चार मित्र बेहतर भविष्य की तलाश में भोजन-पानी की आवश्यक तैयारी के साथ शहर की ओर निकले । रास्ते में विश्राम के समय एक सन्यासी से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना मकसद उन सन्यासी को बताया, तब सन्यासी ने उन्हें चार बत्तीयां देते हुए कहा कि सामने दिख रही पहाडी पर तुम जाओ । जहाँ भी कोई बत्ती गिरे वहीं थोडी खुदाई करने पर तुम्हें तुम्हारे उद्देश्य की पूर्ति जितना धन प्राप्त हो जावेगा । सभी ने आपस में विचार-विमर्श कर सन्यासीजी को धन्यवाद दिया और पहाडी की ओर चढना प्रारम्भ किया ।            कुछ दूर चढने पर एक बत्ती गिर गई । सबने वहाँ खुदाई की तो अन्दर लोहा ही लोहा दिखने लगा । एक मित्र ने कहा कि अपना मकसद इस लोहे को बेचकर पूरा हो सकता है । किन्तु बाकि तीनों मित्रों को उसकी बात समझ में नहीं आई । तब वह...

हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं ......

दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल। दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था। मातापिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों क्या करें।एक दिन गांव में एक साधु आया। लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा है। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये। पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये। मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत कर दें और साधु नाराज हो जाये।अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास पहुंची।...

लोभ का परिणाम

एक लोभी सेठ था एक दिन उसने सोचा की किसी ब्रामण को भोजन कराकर क्यों न पुन्य कमा लिया जाए . इसके लिए उसने एक दुबले पतले ब्रामण की तलाश करना शुरू कर दिया . वह सेठ एक दुबले पतले ब्रामण के पास पहुंचा और उसे भोजन कराने की इच्छा प्रकट की और उससे पूछा - महाराज आप कितना भोजन लेते हैं . वह ब्रामण उस सेठ को अच्छी तरह से जानता था उसने सेठ से कहा - मैं तो मात्र सौ ग्राम भोजन करता हूँ . सेठ उसकी बात सुनकर बड़ा प्रसन्न हो गया और ब्रामण से बोला - ठीक है महाराज आप भोजन करने घर पर आ जाना और उस समय मैं घर पर नहीं रहूँगा .सेठ ने घर पहुंचकर अपनी पत्नी को कहा - मुझे जरुरी काम है मैं कल घर पर नहीं रहूँगा ..एक ब्रामण देवता आएंगे तुम उसे भोजन करा देना . दूसरे दिन ब्रामण भोजन करने सेठ के घर पहुंचा . सेठानी ने बड़ी आवभगत की और आदर के साथ पंडित जी से बोली - महाराज आप क्या लेंगें . मौका ताड़ कर ब्रामण ने कहा - बस जादा...

रविवार, 17 अप्रैल 2011

बिल्कुल सही, पापा..

रोहन के पिता ने उसके स्कूल का रिपोर्ट कार्डदेखकर गुस्से में कहा, "इतने कम मार्क्स... दिल करता है, दो थप्पड़ लगाऊं..." रोहन ने तपाक से कहा,"बिल्कुल सही, पापा... चलो मेरे साथ, मैंने मैडम का घर भी देखा है..."...

शनिवार, 16 अप्रैल 2011

भड़कीले सवाल-चटकीले जवाब-भाग-२.

भड़कीले सवाल-चटकीले जवाब-भाग-२.(Courtesy Google Images) मेरा ब्लॉग- http://mktvfilms.blogspot.com/2011/04/blog-post_16.html प्यारे दोस्तों, पता नहीं क्यों? कुछ पति महाशय अपनी पत्नी की हमेशा बुराई करते नज़र आते हैं..!! उन्होंने  मुझे कुछ भड़कीले सवाल भी भेजे हैं? चलो, ये सारे सवाल का, सही उत्तर पाने का एक प्रयास हम करें,शायद किसी पति-पत्नी का काम बन जाएं..!! भ.स.-" मेरे पति हमेशा मुझ पर गुस्सा होकर कहते हैं, मेरे अंदर छिपे जानवर को जगाने की कोशिश मत करना, व..र्ना...? ये सुन-सुनकर,मैं तंग आ गई, क्या करूँ?"  च.ज.-" कहीं से एक तिलचट्टा (Cockroach) पकड़कर उस जानवर पर फेंके, भीतर का जानवर ड़रपोक है या ख़ूँख़ार, अभी पता चल जाएगा..!!  भ.स.-...

भीख माँगते शर्म नहीं आती ?

लोकल ट्रेन से उतरते ही हमने सिगरेट जलाने के लिए एक साहब से माचिस माँगी, तभी किसी भिखारी ने हमारी तरफ हाथ बढ़ाया, हमने कहा- "भीख माँगते शर्म नहीं आती?" ओके, वो बोला- "माचिस माँगते आपको आयी थी क्‍या?"बाबूजी! माँगना देश का करेक्‍टर है, जो जितनी सफ़ाई से माँगे उतना ही बड़ा एक्‍टर है, ये भिखारियों का देश है लीजिए! भिखारियों की लिस्‍ट पेश है, धंधा माँगने वाला भिखारी चंदा माँगने वाला दाद माँगने वाला औलाद माँगने वाला दहेज माँगने वाला नोट माँगने वाला और तो और वोट माँगने वालाहमने काम माँगा तो लोग कहते हैं चोर है, भीख माँगी तो कहते हैं, कामचोर है, उनमें कुछ नहीं कहते, जो एक वोट के लिए , दर-दर नाक रगड़ते हैं,घिस जाने पर रबर की खरीद लाते हैं, और उपदेशों की पोथियाँ खोलकर, महंत बन जाते हैं। लोग तो एक बिल्‍ले से परेशान हैं, यहाँ सैकड़ों बिल्‍ले खरगोश की खाल में देश के हर कोने में विराजमान...

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताए !

सेठ घनश्याम दास कपड़े का बहुत बड़ा व्यापारी था। उसने ढेरों दौलत जमा कर रखी थी। उसका व्यापार आस-पास के देशों में भी फैल चुका था। वह कभी-कभी उन देशों की यात्रा भी किया करता था। जब उसका बेटा जवान हो गया तो वह अपने पिता के व्यापार में हाथ बंटाने लगा।एक बार घनश्याम दास ने अपने बेटे रामदास से कहा—‘‘हमारे पास दूर देश से बहुत बड़ा आर्डर आया है, तुम्हें सामान लेकर वहां जाना होगा।’’ रामदास ने अब तक किसी देश की यात्रा नहीं की थी। वह यह जानकर बहुत खुश हुआ कि उसके अब्बा उसे दूर देश भेज रहे हैं। उसने तुरंत वहां जाने की तैयारी शुरू कर दी।अगले दिन रामदास सामान लेकर यात्रा के लिए रवाना हो गया। वह होटल में सामान रखकर वहां के बाजार में घूमने निकला। रास्ते में उसने एक निराला फल बिकते देखा। उसने इतना बड़ा फल आज तक नहीं देखा था। वह फल के पास गया और फल को हाथ में उठाकर देखा तो हैरान रह गया कि ऊपर से कांटों वाला यह...

गुरुवार, 14 अप्रैल 2011

हम 15 अंश से उत्तर की तरफ मुड नही सकते कयोंकि ....

निचे दिया हुआ 1995 में अमेरीकन समुद्री जहाज पर तैनात अधिकारी और कॅनेडीयन अधिकारीके बीच देर रात हुवा संवाद है --कॅनेडीयन अधिकारी (लाऊडस्पिकर पर ) - दुर्घटना से बचनेके लिए कृपया अपना जहाज15 अंश दक्षिण की तरफ मोड़ियेअमेरीकन अधिकारी (लाऊडस्पिकर पर) - दुर्घटना से बचनेके लिए आप ही कृपया अपनाजहाज 15 अंश उत्तर की तरफ मोड़ियेकॅनेडीयन अधिकारी (लाऊडस्पिकर पर ) - नही यह मुमकिन नही, दुर्घटना से बचनेके लिए आपको ही अपना जहाज 15 अंश दक्षिण की तरफ मोडना पडेगा।अमेरीकन अधिकारी (लाऊडस्पिकर पर) - मै अमेरीकन नेवी जहाज का कप्तान बोल रहा हूं। मै फिर से बोल रहा हूं की तुम्हारा जहाज 15 अंश उत्तर की तरफ मोडो।कॅनेडीयन अधिकारी (लाऊडस्पिकर पर ) - नही, मै फिर से...

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