मंच पर सक्रिय योगदान न करने वाले सदस्यो की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है, यदि कोई मंच पर सदस्यता के लिए दोबारा आवेदन करता है तो उनकी सदस्यता पर तभी विचार किया जाएगा जब वे मंच पर सक्रियता बनाए रखेंगे ...... धन्यवाद   -  रामलाल ब्लॉग व्यस्थापक

हास्य जीवन का अनमोल तोहफा    ====> हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं।

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शनिवार, 30 जुलाई 2011

नेता की औलाद और नाम है ..........

होली के दिन जनमाएक नेता का बेटा,मुसीबत बन गयाचैन से नहीं लेटा ? पैदा होते हीकमाल कर गया,उठा, बैठा औरनेता की कुर्सी पर चढ़ गया ! यह देख डॉक्टर घबराई, बोली – ये तो अजूबा है !इसके सामने तोसाइंस भी झूठा है !!इसे पकड़ो और लिटाओदुधमुंहा शिशु है, माँ का दूध पिलाओ । दूध की बात सुनकर शिशु ने फुर्ती दिखाई,पास खड़ी नर्स कीपकड़ी कलाईबोला – आज तो होली है,ये कब काम आएगी,काजू-बादाम की भंगअपने हाथों से पिलाएगी । नेता और डॉक्टर के समझाने पर भी वह नहीं माना,चींख-चींखकर अस्पताल सिर पर उठाया,और गाने लगा ‘शीला’ का गाना ! उसके बचपने में‘शीला की ज़वानी’ छा गई,‘मुन्नी बदनाम न होइसलिए नर्स भंग की रिश्वत लेकर आ गई ! शिशु को भंग पीता देख नेताजी घबराये और...

गुरुवार, 28 जुलाई 2011

क्योकि मै ............ हूं

संता ग्राउंड पर लडकों को इधर उधर दौडते हूए और बॉल के साथखेलते हूए देख रहा थातभी संता ध्यान एक तरफ अकेले खडे बच्चे की तरफ गया।उसने उस लडके के पास जाकर पूछा," सब ठीक तो है ना?''हां ' उस लडके ने जवाब दिया.' फिर तुम उधर जाकर उन लडकों के साथ क्यो नही खेलते हो ?' संता ने पूछा' नही मै उधर नही जाऊंगा... मै इधर ही ठीक हूं ' उस लडके ने जवाब दिया' लेकिन क्यों ?'' संता ने पूछा.लडके ने चिढकर उत्तर दिया- ' क्योकि मै गोल किपर हूं...

मंगलवार, 26 जुलाई 2011

सावन के हिंडोले में बयानबम

कांग्रेस महासचिव के बयानों को सुनकर कांग्रेस के दिग्‍गज हैरान-परेशान नहीं हैं बल्कि वे सोच रहे हैं कि इसका कैसे पार्टी के हित में बेहतर इस्‍तेमाल किया जा सकता है। इस बारे में फैसला करने के लिए गुप्‍त बैठकें, सुप्‍त समय में की जा रही हैं। इन महाशय की ख्‍याति आजकल बयानबम के तौर पर हो गई है। बम जो दूसरों के फोड़ने पर फटता है, खुद से तो खुद का फोड़ा नहीं फोड़ा जाता है, उसके लिए भी डॉक्‍टर की बाट जोहते हैं। दर्द जानबूझकर कोई नहीं सींचता है, क्‍योंकि इससे दर्द की आहों में भी दर्द की अभिव्‍यक्ति होने लगती है। दर्द तब तक ही अच्‍छा लगता है जब तक दूसरे के हो रहा हो। बम भी तब तक ही भाता है, जब तक फूटता नहीं है या फूटता भी है तो उससे नुकसान सामने वाले को होता है। पर वो सामने वाला ही होना चाहिए, सामने वाली नहीं। सामने वाली के प्रति तो सबके मन में विनम्र भाव ही रहता है। विनम्र भाव तो पड़ोस वाली के साथ भी...

बुधवार, 20 जुलाई 2011

श्री मोबाईल नारायण व्रत कथा ।

श्री मोबाईल नारायण व्रत कथा । (courtesy-Google images) ॥ श्री नारद उवाच ॥ " मर्त्यलोके जनाः सर्वे नाना क्लेश समन्विताः ।  नाना योनि समुत्पन्नाः पच्यन्ते पाप कर्मभिः॥११॥" " हे प्रभो, मनुष्य लोक में सभी मानव विविध योनि में उत्पन्न हो कर, नाना प्रकार के दुखों से लिप्त हो कर, अपने पाप कर्मों से पीड़ित है । उनके यह दुःख कौन से नाना उपाय द्वारा शांत हो सकते हैं? मुझे कृपया बताएं, मैं वह सब श्रवण करना चाहता हूँ । " ॥ श्री भगवान उवाच ॥ " साधु पृष्टं त्वया वत्स लोकानुग्रहकांक्षाया ।संत्कृत्वा मुच्यते मोहात तच्छृणुष्व वदामि ते ॥१३॥" " हे वत्स, मनुष्य के हित की इच्छा से आपने मुझे सही बात जानना चाही है; जिसको करने से मनुष्य मोहमाया से मुक्त...

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

सरकारी ठेकेदार का हिसाब-किताब !

तीन ठेकेदार एक पुलिया की मरम्मत के ठेके के लिए बोली लगाने पहुंचे।अधिकारी उन्हें उस पुलिया पर ले गया जिसकी मरम्मत होनी थी। पहले ठेकेदार ने जेब से फीता निकाला, कुछ नापतौल की, कैलकुलेटर पर कुछ हिसाब लगाया और बोला – मैं इस काम को 90000 रूपए में कर दूंगा। 40000 सामग्री के लिए, 40000 मजदूरों के लिए और 10000 मेरे लिए।दूसरे ठेकेदार ने भी नाप तौल की, कुछ यही हिसाब लगाया और बोला – 70000 रूपए। ३0000 सामग्री के लिए और ३0000 मजदूरी के। बाकी 10000 मेरे।तीसरे ठेकेदार ने न नापतौल की न हिसाब लगाया। अधिकारी के कान के पास मुंह ले जाकर कहा – 270000 रूपए। अधिकारी बोला – देख नहीं रहे। दूसरा 70000 में करने को तैयार है । कुछ नापतौल तो करो, हिसाब तो लगाओ तब बोलो।...

शनिवार, 9 जुलाई 2011

इतिहास की परीक्षा

इतिहास परीक्षा थी उस दिन, चिंता से हृदय धड़कता था | थे बुरे शकुन घर से चलते ही, दाँया हाथ फड़कता था || मैंने सवाल जो याद किए, वे केवल आधे याद हुए उनमें से भी कुछ स्कूल तकल, आते-आते बर्बाद हुए तुम बीस मिनट हो लेट द्वार पर चपरासी ने बतलाया मैं मेल-ट्रेन की तरह दौड़ता कमरे के भीतर आया पर्चा हाथों में पकड़ लिया, ऑंखें मूंदीं टुक झूम गया पढ़ते ही छाया अंधकार, चक्कर आया सिर घूम गया उसमें आए थे वे सवाल जिनमें मैं गोल रहा करता पूछे थे वे ही पाठ जिन्हें पढ़ डाँवाडोल रहा करता यह सौ नंबर का पर्चा है, मुझको दो की भी आस नहीं चाहे सारी दुनिय पलटे पर मैं हो सकता पास नहीं ओ! प्रश्न-पत्र लिखने वाले, क्या मुँह लेकर उत्तर दें हम तू...

गुरुवार, 7 जुलाई 2011

घोडे का फोन और नाराज बीवी ?

एक आदमी पेपर पढ रहा था जब उसके बीवी ने उसके सर में फ्राईंग पॅनसे मारा।'' यह किसलिए '' उस आदमी ने पुछा.ने जवाब दिया, '' वह तुम्हारी पॅंन्ट की जेब से एक कागज का टुकड़ा मिला उस पर 'जेनी' ऐसालिखा हूआ था इसलिए। '''' अरे पिछले हफ्ते मै रेसकोर्स गया था और जिस घोडे पर मैने पैसे लगाए थे उसका नाम 'जेनी' था ''उस आदमी ने सफाई दी.उसके बीवी ने उससे माफी मांगी और वह काम करने के लिए घर के अंदर चली गई.तीन दिन बाद वह आदमी टीवी देख रहा था जब उसके बिवी ने और एक बडे फ्राईंगपॅन से उसके सर में जोर सेमारा इतने जोर से की वह बेहोश हो गया.जब उस आदमी को होश आया उसने पुछा, '' अब यह किसलिए मारा '''' कल तुम्हारे घोडे का फोन आया था इसलिए '' उसके बीवी ने जवाब द...

सोमवार, 4 जुलाई 2011

आधुनिक बोधकथाएँ-६. दिलचस्प साक्षात्कार ।

आधुनिक बोधकथाएँ-६.  दिलचस्प साक्षात्कार ।सौजन्य-गूगल। (म्यूज़िक- ढें..टें..ने..ण..!!) आर.जे.(रॅडियो जॉकी।),"  प्यारे दोस्तों, आज हमारे बीच उपस्थित है, `पुरुष-प्रधान विवाह-विचारधारा` के कट्टर विरोधी, आजीवन कुँवारी, अखिल भारतीय विवाह विरोधी संगठन की एकमात्र ऍक्टिविस्ट बहन सुश्री......!!...........,बहन जी, हमारे, `४२० F.M. रेडियो स्टेशन` पर आपका दिल से स्वागत है ।" बहन, " धन्यवाद ।" R.J.-" अच्छा आप पहले ये बताइए कि,आप के `विवाह विरोधी संगठन` में, आज की डेट में, कितने सदस्य है?" बहन,(ऊँगलियां गिनते हुए..!!),"ट्रेड सिक्रेट, नो कमेन्ट्स..!!" R.J.-" दूसरा सवाल, आपकी  पति-विरोधी नज़र से, किसी...

"अप्रेल फूल, अप्रेल फूल।"

एक दिन घर पर हमारे मच गया हंगामा कहने लगी बच्चो की माँ-"रखना याद दस दिन बाद यानी एक अप्रेल को अपनी वर्षगांठ मनाऊँगीमिठाई बाज़ार से आएगी नमकीन घर में बनाऊँगी और सुनो!हमारे भैया को दे दो तार वे चार दिन पहले आएँ भाभी व अम्मा को साथ लाएँ सुख-दुख में अपने ही साथ न देंगे तो घर गृहस्थी के काम कैसे चलेंगेपप्पू की बुआ को एक दिन पहले पत्र डालना और लिखना-"अकस्मात कल रात वर्षगांठ मनाने की बात हो गई है तुम न आ सकोगी इस बात का दुख हैतुम्ही सोचो! उनको बुलाकर भी क्या करोगे इस दड़बे में किस-किस को भरोगे वे आएँगी तो बच्चो को भी लाएँगीऔर सुनो,एडवांस की अर्ज़ी दे आनालोगों का क्या है कहते है-"दारू पीता है। मगर लेडीज़ कपड़े तो गज़ब के सीता है पचास बरस की बुढ़िया दिखने लगती है गुड़ियाअब तक खूब बनी आगे नहीं बनूंगी साड़ी और ब्लउज़ नहीं पहनूंगी युग बदल गया है फैशन चल गया हैतंग सलवार हो रंग व्हाईट हो स्लीवलैस कुर्ता...

शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

पठान का डंडा और मामला ठंडा

उपदेश और नसीहतों के बीच कभी कभी थोडा हंस भी लेना चाहिए.  किसी गाँव मैं एक साहब ने खुद के भगवान् होने का  का एलान कर दिया,कहने लगे कि वो भगवान् हैं. दूर दूर से लोग आते और उसको समझाते कि तुम ग़लत हो, दूर देश से धर्म के ज्ञानी बुलाये गए लेकिन वो मान ने को तैयार नहीं कि वो खुदा नहीं है. वहीं गाँव मैं एक दुखी पठान रहता था . दुखी इस लिए कि उसका बेटा अभी कुछ दिनों पहले चल बसा था. उसने भी यह बात सुनी कि एक साहब ने भगवान् होने का  दावा कर दिया है. उस पठान ने कुछ सोंचा और अपनी लाठी हाथ मैं ले के उन साहब से मिलने गया. वहां देखा लोग उसको समझा रहे हैं, पठान ने सब से कहा , मुझे भी एक मौक़ा दो इन भगवान् जी से मिलने का. सब मान गए. ...

पावली की पदोन्नति । Part- 2.

पावली की पदोन्नति । Part- 2.सौजन्य-गूगल । प्यारे दोस्तों, पार्ट-१ में आपने पढ़ा था..!! " अ..हा..हा..हा..!! सन-१९६० में, एक दिन रास्ते पर किसी की खोई हुए, एक चवन्नी मुझे अनायास मिल गई और सभी घरवालों से छिपा कर, उस चवन्नी से, मैंने चार दिन तक, जो जल्से किए थे..!! अ..हा..हा..हा..!! आज भी उसे, याद कर के मेरा दिल गदगद हो उठता है..!!" अब आगे पार्ट-२..!! सन-१९६० की साल में, हमारे गाँव में, हमारी जाति के व्यापारी के अलावा, किसी दूसरे की दुकान से तैयार खाद्य सामग्री मँगवाना, हमारे परिवार में वर्ज्य था । इसे आप उस ज़माने की रूढिचूस्तता भी मान सकते हैं ।  ऐसे में , चार दिनों तक रास्ते से, मुफ़्त में मिली हुई, चवन्नी का छूटा करा कर चार दिन तक,...

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