मिसेज़ शर्मा परेशान हैं ..
पत्नी ने धीरे से कहा
मैंने पूछा क्यों?
पत्नी ने कहा अपने बच्चों को लेकर
चिंतीत हैं
मैंने पुनः पूछा क्यों?
पत्नी ने कहा
बच्चे हाज़िर ज़वाब हो गए हैं
मैंने कहा
इसमें चिंता के क्या बात है
बच्चे हैं उनके अपने भी ज़ज्बात हैं
देखता हूँ समय पर स्कूल आते जाते हैं
सभी से तमीज़ से पेश आते हैं
तुम औरत खामखा की आफत हो
चिंतीत हीं रहती हो जब सब कुछ सलामत हो
पत्नी कही
नहीं-नहीं तुम समझ नहीं रहे हो
और ना हीं समझ पाओगे
आज मिसेज़ शर्मा को चाय पर बुलाई हूँ
बच्चे कैसे हैं तुम भी जान जाओगे
तयशुदा कार्यक्रम के तहत
मिसेज़ शर्मा अपने तीनो बच्चों के साथ आ गयीं
बच्चों की मुस्कराहट मुझे भा गयी
मैंने कहा भाभी जी,आपने बच्चों को
अच्छे संस्कार सिखलाएँ हैं
आपके पास तो हर मर्ज़ की दवाएं हैं
मिसेज़ शर्मा ने कहा,
नहीं भाई साहब बच्चों में एक नयी तरह की उमंग है
मै, मेरा पूरा...