मृत्युदंड
जहाँ पूजनीय है नारी,
वहीं देवता बसते हैं,
किंतु राम से देव..
दैव हा!!
अग्नि परीक्षा लेकर भी,
सीताजी को तजते हैं.
कहाँ दोष सीता का कहिए,
उसका हुआ हरण जो था?
रावण को भड़काने वाला,
भगिनी कटा कर्ण तो था.
यदि रावण अपने पक्ष में प्रस्तुत करता,
सीताजी के अग्नि परीक्षा की रिपोर्ट,
तो क्या मृत्यु दंड दे सकता था उसे...
यह सुप्रीम कोर्ट ???
एम.आर.अयंगर, 09425279174
11 टिप्पणियाँ:
रावण को भड़काने वाला,
भगिनी कटा कर्ण तो था.
..नहीं समझा।
श्रीमान,
रावण ने जिस कारण सीता जी का अपहरण किया था , वह उसका गुस्सा उसकी बहन शूर्पणखा के नाक कान कोचे जाने की वजह से था.
इसे ही मैंने अपने ढंग से कहना चाहा है.
आशा है शंका का सही तरह से समाधान कर पाया.
आपने जानकारी लेना उचित समझा, इसलिए सहृदय आभारी हूं.
सधन्यवाद,
अयंगर, 09425279174.
बढ़िया वंगात्म्क पोस्ट
समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है साथ ही आपकी महत्वपूर्ण टिप्पणी की प्रतीक्षा भी धन्यवाद.... :)
http://mhare-anubhav.blogspot.com/
बढ़िया पोस्ट
श्री दवे जी एवं मिस पल्लवी जी,
आपकी टिप्पणियों ने मुझे साहस दिया.
मेरे पिछले दो एक पोस्ट हटाए गए ..कारण का भी पता नहीं है. इसलिए साहस की थोड़ी कमी सी आ गई थी. इस ब्लॉग में केवल हास्य व्यंग स्वीकारा जाता है जो ब्यंग की एक विधा है. दूसरे व्यंग हटा दिए जाते हैं. मैं व्यंग स्पेशलिस्ट तो नहीं हूं इसलिए इसमें विधाओं को खोजना मुश्किल होता है.
खैर आपने पसंद किया और मुझे साहस दिया. बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार.
पल्लवी जी आपके ब्लॉग पर गया था, लेकिन अभी पढ़ नहीं पाया हूं. पढ़ने का वक्त दीजिए... तदनुसार टिप्पणी दे पाऊंगा.
अयंगर.
09425279174
बढ़िया पोस्ट !
रवि जी,
बहुत- बहुत धन्यवाद.
अयंगर.
बढ़िया
सुप्रीम कोर्ट से सजा पाने पता नहीं कितने साल लगते
जहाँ पूजनीय है नारी,
वहीं देवता बसते हैं,
किंतु राम से देव..
दैव हा!! अग्नि परीक्षा लेकर भी,
सीताजी को तजते हैं.
सर्व श्री राम भरोसेजी, श्री विजयकर्ण जी एवं श्रीमान KCN जी,
पसंद सूचित कर प्रेरणा एवमं प्रोत्साहन देने के लिए ..
बहुत आभार,
अयंगर,09425279174.
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