उपदेश और नसीहतों के बीच कभी कभी थोडा हंस भी लेना चाहिए.
किसी गाँव मैं एक साहब ने खुद के भगवान् होने का का एलान कर दिया,कहने लगे कि वो भगवान् हैं. दूर दूर से लोग आते और उसको समझाते कि तुम ग़लत हो, दूर देश से धर्म के ज्ञानी बुलाये गए लेकिन वो मान ने को तैयार नहीं कि वो खुदा नहीं है.
वहीं गाँव मैं एक दुखी पठान रहता था . दुखी इस लिए कि उसका बेटा अभी कुछ दिनों पहले चल बसा था. उसने भी यह बात सुनी कि एक साहब ने भगवान् होने का दावा कर दिया है. उस पठान ने कुछ सोंचा और अपनी लाठी हाथ मैं ले के उन साहब से मिलने गया.
वहां देखा लोग उसको समझा रहे हैं, पठान ने सब से कहा , मुझे भी एक मौक़ा दो इन भगवान् जी से मिलने का. सब मान गए.
पठान ने पूछा तो आप खुद को भगवान् कहते हैं?
उन साहब का जवाब था हाँ.
पठान के डंडा ऊपर उठाया और कहा "तो तुम्ही हो जिसने मुझसे मेरा बेटा छीन लिया"
इस से पहले कि पठान आगे बढ़ता उन साहब ने चिल्ला के कहा नहीं भाई मैं ना तो भगवान् हूँ और ना ही मैंने तुम्हारा बेटा छीना है..
किसी गाँव मैं एक साहब ने खुद के भगवान् होने का का एलान कर दिया,कहने लगे कि वो भगवान् हैं. दूर दूर से लोग आते और उसको समझाते कि तुम ग़लत हो, दूर देश से धर्म के ज्ञानी बुलाये गए लेकिन वो मान ने को तैयार नहीं कि वो खुदा नहीं है.
वहीं गाँव मैं एक दुखी पठान रहता था . दुखी इस लिए कि उसका बेटा अभी कुछ दिनों पहले चल बसा था. उसने भी यह बात सुनी कि एक साहब ने भगवान् होने का दावा कर दिया है. उस पठान ने कुछ सोंचा और अपनी लाठी हाथ मैं ले के उन साहब से मिलने गया.
वहां देखा लोग उसको समझा रहे हैं, पठान ने सब से कहा , मुझे भी एक मौक़ा दो इन भगवान् जी से मिलने का. सब मान गए.
पठान ने पूछा तो आप खुद को भगवान् कहते हैं?
उन साहब का जवाब था हाँ.
पठान के डंडा ऊपर उठाया और कहा "तो तुम्ही हो जिसने मुझसे मेरा बेटा छीन लिया"
इस से पहले कि पठान आगे बढ़ता उन साहब ने चिल्ला के कहा नहीं भाई मैं ना तो भगवान् हूँ और ना ही मैंने तुम्हारा बेटा छीना है..
14 टिप्पणियाँ:
हा हा हा
very good
बढ़िया है ,
आपकी पहली पोस्ट के लिए आप का स्वागत है इस मंच पर
अच्छा लेख
behtar
पहले तो आपसे मज़े लेंगी फ़िर जब दुनियां को पता चलेगा तो बन जायेंगी अबला नारी
Waah ...
Kya khoob FUNDA ?
डंडे के आगे तो भूत भी नाचते है जनाब
बढ़िया लेखन
हा हा हा
अच्छा लिखा है,
डांडा चलाने से ही सब लोग मानते है......
अब रामदेव जी और अन्न हज़ारे जी डांडा लेकर सरकार के पीछे पड़े है , पता नहीं क्या नतीजा निकलेगा इस भागदौड़ का, बहराल आप का स्वागत है हास्य व्यंग्य मंच पर
सभी लेखको से अनुरोध है कि मंच पर लेखन शुरू करे जिनहोने आज तक कोई पोस्ट नहीं लिखी है
साथ ही वो लेखक भी नियमित लेखन जारी रखे जो मंच पर बहुत डीनो बाद लिखते है
मंच पर सक्रिय योगदान न करने वाले सदस्यो की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है, यदि कोई मंच पर सदस्यता के लिए दोबारा आवेदन करता है तो उनकी सदस्यता पर तभी विचार किया जाएगा जब वे मंच पर सक्रियता बनाए रखेंगे ...... धन्यवाद -
रामलाल
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