गजोधर एक कंपनी में काम करते थे जहा पर उनकी ड्यूटी अक्सर रात की हुआ करती थी
एक रात गजोधर और उसकी पत्नी अपने बेडरूम में आराम से सो रहे थे,
और अचानक रात को दो बजे फोन की घंटी बजी...
एक रात गजोधर और उसकी पत्नी अपने बेडरूम में आराम से सो रहे थे,
और अचानक रात को दो बजे फोन की घंटी बजी...
दोनों की नींद खुल गई,
गजोधर ने फोन उठाया, इससे पहले कि वह कुछ कह पाता,
दूसरी तरफ से आवाज़ आनी शुरू हो गई, गजोधर सुनता रहा,
और अचानक चीखकर बोला, "साले, मैं क्या म्यूनिसिपैलिटी में काम करता हूं..."
गजोधर ने फोन उठाया, इससे पहले कि वह कुछ कह पाता,
दूसरी तरफ से आवाज़ आनी शुरू हो गई, गजोधर सुनता रहा,
और अचानक चीखकर बोला, "साले, मैं क्या म्यूनिसिपैलिटी में काम करता हूं..."
जब चीख-चिल्लाकर गजोधर ने फोन पटक दिया,
पत्नी ने प्यार से पूछा, "कौन था, जानू...?"
पत्नी ने प्यार से पूछा, "कौन था, जानू...?"
गजोधर ने उखड़े सुर में जवाब दिया,
"पता नहीं, कौन कमीना था... साला, मुझसे पूछ रहा था, रास्ता साफ है क्या...?"
"पता नहीं, कौन कमीना था... साला, मुझसे पूछ रहा था, रास्ता साफ है क्या...?"
4 टिप्पणियाँ:
ha ha ha ha
हा-हा-हा ...
मज़ेदार!
हा..हा..हा..नया वाला होगा..उससे इतना ही कहा गया होगा कि जाने से पहले पूछ लेना रास्ता साफ है क्या!
maza aa gaya...
mere blog par swagat hai
http://dadikasanduk.blogspot.com/
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