मंच पर सक्रिय योगदान न करने वाले सदस्यो की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है, यदि कोई मंच पर सदस्यता के लिए दोबारा आवेदन करता है तो उनकी सदस्यता पर तभी विचार किया जाएगा जब वे मंच पर सक्रियता बनाए रखेंगे ...... धन्यवाद   -  रामलाल ब्लॉग व्यस्थापक

हास्य जीवन का अनमोल तोहफा    ====> हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं।

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गुरुवार, 30 जून 2011

पावली की पदोन्नति । Part- 1.

पावली की पदोन्नति । Part- 1. सौजन्य-गूगल बताइए ना, बेकसूर रुपया  कितना अखण्ड था?पावली  छाप कहलाया  वह, पाखंडी  होते  ही ..!!" पावली= कमअक्कल, बुद्धिहीन ।                                                                         ========= "क्यों दवेजी, आपको क्या लगता है? काले धन के विरुद्ध चल रहे आंदोलन के चलते, सरकार, ५०० और १००० रूपये के नोट रद्द कर  देगी?" अधिक मूल्य की नोट रद्द होने के भय से कांप रहे एक मित्र ने मुझ से सवाल...

बुधवार, 29 जून 2011

फ्रिज से हाई ब्लड प्रेशर.....

दो महिलाओं की मुलाकात स्वर्ग में हुई.पहली - कहो बहिन, तुम्हारी मौत कैसे हुई ?दूसरी - ज्यादा ठण्ड लगने के कारण. और तुम्हारी ?पहली - हाई ब्लड प्रेशर के कारण. बात दरअसल यहहुई कि मुझे अपने पति पर शक था. एक दिन मुझेपता चला किवो घर में किसी दूसरी औरत के साथ हैं. मैं फ़ौरन घर पहुंची तोदेखा कि मेरे पति आराम से अकेलेटीवी देख रहे हैं.दूसरी - फिर क्या हुआ ?पहली - खबर पक्की थी इसलिए मुझे विश्वास नहीं हुआ. मैंने उसऔरत को घर के कोने कोने में, तहखाने में, पर्दोंके पीछे, गार्डेनमें यहाँ तक कि अलमारी और संदूक तक में तलाश किया पर वहनहीं मिली. मुझे इतनी टेंशन हुई कि मेरा ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ गयाऔर मेरी मौत हो गई.दूसरी - काश! तुमने फ्रिज और खोलकर देख लिया होतातो आज...

मंगलवार, 28 जून 2011

श्रेष्ट वही जो आप अंदर से है .....

एक महान तपस्वी एक दिन गंगा में नहाने के लिए गए। स्नान करके वह सूर्य की पूजा करने लगे। तभी उन्होंने देखा कि एक बाज ने झपट्टा मारा और एक चुहिया को पंजे में जकड़ लिया। तपस्वी को चुहिया पर दया आ गई। उन्होंने बाज को पत्थर मारकर चुहिया को छुड़ा लिया।चुहिया तपस्वी के चरणों में दुबककर बैठ गई। तपस्वी ने सोचा कि चुहिया को लेकर कहां घूमता फिरुंगा! इसको कन्या बनाकर साथ लेकर चलता हूं। तपस्वी ने अपने तप के प्रभाव से चुहिया को कन्या का रूप दे दिया। वह उसे साथ लेकर अपने आश्रम पर आ गए।तपस्वी की पत्नी ने पूछा-‘उसे कहां से ले आए?’तपस्वी ने पूरी बात बता दी। दोनों पुत्री की तरह कन्या का पालन-पोषण करने लगे। कुछ दिनों बाद कन्या युवती हो गई। पति-पत्नी को उसके...

सोमवार, 27 जून 2011

जहा तुम पढ़ते हो, हम वहां के प्रिंसिपल है !!

एक रात, चार कॉलेज विद्यार्थी देर तक मस्ती करते रहे और जब होश आया तो अगली सुबह होने वाली परीक्षा का भूत उनके सामने आकर खड़ा हो गया। परीक्षा से बचने के लिए उन्होंने एक योजना बनाई। मैकेनिकों जैसे गंदे और फटे पुराने कपड़े पहनकर वे प्रिंसिपल के सामने जा खड़े हुए और उन्हें अपनी दुर्दशा की जानकारी दी। उन्होंने प्रिंसिपल को बताया कि कल रात वे चारों एक दोस्त की शादी में गए हुए थे। लौटते में गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया। किसी तरह धक्का लगा-लगाकर गाड़ी को यहां तक लाए हैं। इतनी थकान है कि बैठना भी संभव नहीं दिखता, पेपर हल करना तो दूर की बात है। यदि प्रिंसिपल साहब उन चारों की परीक्षा आज के बजाय किसी और दिन ले लें तो बड़ी मेहरबानी होगी। प्रिंसिपल...

शनिवार, 25 जून 2011

साडे पंजाब दीयां केडियां रीसां

एक था मिलखासिंह। वह पंजाब का रहने वाला था। उसका एक मित्र कश्मीर की वादी में रहता था। मित्र का नाम था आफताब। एक बार मिलखासिंह को आफताब के यहां जाने का मौका मिला। दोनों मित्र लपककर एक-दूसरे के गले से लग गए। आफताब ने रसोईघर में जाकर स्वादिष्ट पकवान तैयार करने को कहा और मिलखासिंह के पास बैठ गया। कुछ ही देर में खाने की बुलाहट हुई। मिलखासिंह ने भरपेट भोजन किया। आफताब ने पूछा, ‘यार, खाना कैसा लगा?’ मिलखा बोला, ‘खाना तो अच्छा था पर ‘साडे पंजाब दीयां केडियां रीसां (हमारे पंजाब का मुकाबला नहीं कर सकता)। आफताब को बात लग गई। रात के भोजन की तैयारी जोर-शोर से की जानी लगी। घर में खुशबू की लपटें उठ रही थीं। रात को खाने की मेज पर गुच्छी की सब्जी से लेकर...

गुरुवार, 23 जून 2011

श्रीबकबक विजय सिंह भानपा में?

श्रीबकबक विजय सिंह भानपा में?सौजन्य-गूगल===========(नोट- यह पूरा आलेख १००% काल्पनिक है और इसका जीवित या मृतक किसी भी इन्सान से, स्नानसूतक का भी कोई संबंध नहीं है, अतः इसे व्यक्तिगत न लें ।)===========स्थल- दिल्ली प्रमुख कार्यालय -भानपा ।समय- दोपहर ४.०० बजे ।पत्रकार परिषद शुभारंभ की तैयारी है ।मंच पर उपस्थित पार्टी के महानुभव ।१.पक्ष प्रमुख श्रीकड़वीकरीजी ।२. साध्वी सुश्री मख्खी मारतीजी तथा३. ढोंगरेस पार्टी से ताज़ा निष्कासित, महान मंत्री श्री बकबक विजय सिंहजी ।===========श्रीकड़वीकरीजी," क्या माइक चालू है? हे...लो, वन..टू.. थ्री; वन..टू.. थ्री; वन..टू.. थ्री; आवाज़ क्यों नहीं आती?"श्री बकबक विजय सिंह," मैं हूँ ना? आज के बाद आपको माइक की चिंता...

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