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हास्य जीवन का अनमोल तोहफा    ====> हास्य जीवन का प्रभात है, शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं।

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मंगलवार, 31 मई 2011

एक लेखक की आत्महत्या - स्यूसाईड नोट।

एक लेखक की आत्महत्या - स्यूसाईड नोट। लेखक कहता हैः- " ये मेरी अंतिम पोस्ट और अंतिम पत्र है क्योंकि, अब मैं जीना नहीं चाहता, जिस वक़्त आप मेरा ये अंतिम पत्र यह पढ़ रहे होंगे, मैंने आत्मघात कर लिया होगा, अलविदा दोस्तों..!!" =========== ( लेखक और उसका साया एक दूसरे से संवाद कर रहे हैं ...!!) साया- "तुम ये क्या कर रहे हो? मैं - " लिख रहा हूँ ।" साया- " लिखते समय इतने सारे काग़ज़ बिगाड़ने ज़रूरी हैं क्या?" मैं -"नहीं..!!" साया-"तो फिर तुमने इतने काग़ज़  क्यों  बिगाड़े?" मैं -"मैं  लिख नहीं पा रहा हूँ..!!" साया-"क्या तुम्हारे दिमाग की बत्ती गुल है?" मैं -"नहीं..!!" साया-" क्या तुम लेखक हो?" मैं -"पता नहीं? मैं तो ब्लॉगर...

अंकल, हम बेवकूफ नहीं हैं ...

11 वर्षीय रोहन और उसके पड़ोस में रहने वाली 10 सलोनी को साथ-साथ खेलते हुए यह एहसास हो जाता है कि वे एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं, और उन्हें शादी कर लेनी चाहिए... रोहन सलोनी के पिता के पास पहुंच जाता है, और हिम्मत जुटाकर कह डालता है, "मिश्रा अंकल, मैं और आपकी बेटी सलोनी एक-दूसरे से प्यार करते हैं, और मैं आपसे शादी के लिए उसका हाथ मांगने आया हूं..."मिश्रा जी को नन्हे शरारती रोहन की हरकत बेहद प्यारी लगती है, और वह डांटने के बजाए मुस्कुराते हुए रोहन से पूछते हैं, "यार, तुम अभी सिर्फ 11 साल के हो, और तुम्हारे पास घर भी नहीं है... तुम और सलोनी रहोगे कहां...?"रोहन तपाक से कहता है, "सलोनी के कमरे में, क्योंकि वह मेरे कमरे से बड़ा है,...

सोमवार, 30 मई 2011

एक लेखक आत्महत्या करने जा रहा है ।

एक लेखक आत्महत्या करने जा रहा है । लेखक कहता हैः- " ये मेरी अंतिम पोस्ट और अंतिम पत्र है क्योंकि, अब मैं जीना नहीं चाहता, जिस वक़्त आप मेरा ये अंतिम पत्र यह पढ़ रहे होंगे, मैंने आत्मघात कर लिया होगा, अलविदा दोस्तों..!!"  http://mktvfilms.blogspot.com/2011/05/blog-post_30.html लेखक का अंतिम स्यूसाईड नोट कल यहीं पर..!!...

रविवार, 29 मई 2011

सभी जवाब काल्पनिक हैं ....

गजोधर और मनोहर अपनी कॉलेज की परीक्षा देने के लिए गए पर उन्हें कुछ नहीं आता था गजोधर : यार उत्तरपुस्तिका पर क्या लिखूं ? मनोहर : यही कि इस शीट पर लिखे गए सभी जवाब काल्पनिक हैं जिनका किसी भी किताब से कोई सम्बन्ध नहीं है ……...

शनिवार, 28 मई 2011

वाह क्या प्रेम है..!! wow..!! what a LOVE?

वाह क्या प्रेम है..!!wow..!! what a LOVE? (सौजन्य-गूगल) प्रिय मित्रों, उत्तर महाभारत महाग्रंथ में कलयुग के भविष्य के बारे में महर्षि वेदव्यास ने कुछ त्रुटिरहित कथन किए हैं । शिक्षा जगत में व्याप्त मलिनता के कारण, ज्ञान और विद्या का नाश होगा । ( सही - ग़लत ) ( पढ़ने-पढ़ाने वालों की पढ़ाई के क्षेत्र में उदासीनता और सच्चे ज्ञान का ह्रास ?) आईए, सुनें, एक आधुनिक कॉलेज कन्या की मोबाईल talk..!! ====== " अरे यार..!! माय मम्मा भी देखना? सुबह-सुबह कॉलेज जाते वक़्त ही उसकी खिचपिच शुरु हो गई..!! शैला ये ड्रेस मत पहनना, इसमें तेरा सारा बदन दिखता है । आज जल्दी वापस घर आ जाना । यार हमारी कोई चोईस ही नहीं? शैलाब की भी रिंग आई थी ,"हाय हनी, कॉलेज आ रही...

बुधवार, 25 मई 2011

दोनों में से कौन है मेरा बेटा !

एक गधा दूसरे गधे से मिलातो बोला-"कहो यार कैसे हो?" दूसरा बोला- "तुम वाकई गधे होएक साल होने को आया एक ही जगह बंधे होडाक्टरों ने दल बदले मगर तुमने खूंटा तक नहीं बदला।" तभी बोल उठा पहला-"सामने वाले बंगले में दो नेता रहते हैंरोज़ आपस में लड़ते हैं एक कहता हैतुमसे गधा अच्छा दूसरा कहता हैगधे का बच्चा और मैं यह जानना चाहता हूँ कि वो कौन-सा नेता नेता है जो मेरा बेटा है।साभार : कविता कोष, लेखक : श्री शैल चतुर्व...

सोमवार, 23 मई 2011

जानता हूं और इसीलिए आपके पास आया हूं ......

एक व्यक्ति पशुओं के डॉक्टर के पास पहुंचा और कहा कि तबियत ठीक नहीं लग रही है, दिखाना है। डॉक्टर ने कहा कि कृपया मेरे सामने वाले क्लीनिक में जाएं, मैं तो जानवरों का डॉक्टर हूं। वहां देखिए, लिखा हुआ है। रोगी– नहीं डॉक्टर साब मुझे आप ही को दिखाना है। डॉक्टर– अरे यार, मैं पशुओं का डॉक्टर हूं। मनुष्यों का इलाज नहीं करता। रोगी– डॉक्टर साब मैं जानता हूं और इसीलिए आपके पास आया हूं। इस पर डॉक्टर साब चौंक गए। जानते हो? फिर मेरे पास क्यों आए। रोगी- मेरी तकलीफ सुनेंगे तो जान जाएंगे। डॉक्टर- अच्छा बताओ। रोगी– सारी रात काम के बोझ से दबा रहता हूं। सोता हूं तो कुत्ते की तरह सोता हूं। चौबीसों घंटे चौकस रहता हूं। सुबह उठकर घोड़े की तरह भागता हूं। रफ्तार मेरी...

रविवार, 22 मई 2011

आतंकवादी गदर्भराज । part-1-2-3

आतंकवादी गदर्भराज ।(सौजन्य-गूगल) क्षमिणं बलिन साधुर्मन्यते दुर्जनोऽन्यथा।दुरुक॒तमप्यतः साधोः क्षमयेत॒ दुर्जनस्य न॥ अर्थात्- सज्जन,क्षमाशील मनुष्य को बलवान और दुष्ट लोग,क्षमाशील मनुष्य को निर्बल मानते हैं । ऐसे क्रम के चलते सज्जन व्यक्ति के ताने सहन कर लेना, पर दुष्ट लोगों के  कटु वचन का उचित जवाब देना चाहिए । ============ प्यारे दोस्तों, रविवार  की  मदमस्त सुबह के वक़्त, मेरे घर के बरामदे में बैठ कर, अभी तो मैंने आज का अख़बार हाथ में थामा ही था कि अचानक, हमारे घर के सामनेवाले, हमारे पड़ोसी शर्माजी ने, अपने घर के बरामदेमें खड़े होकर, अपने हाथ में अख़बार उठाकर मेरी ओर हिलाते हुए, अत्यंत उत्तेजना-पूर्ण आवाज़ में...

शनिवार, 21 मई 2011

आतंकवादी गदर्भराज । part-2

आतंकवादी गदर्भराज ।(सौजन्य-गूगल) देश की सारी प्रमुख न्यूज़ चैनलों पर,दाउद को पकड़ने के दिलधड़क ऑपरेशन के, जारी किए गए वीडियो क्लिपिंग्स बार बार अत्यंत रोचक शैली में दिखाए जा रहे हैं..!! हमने आजतक कभी जिनकी शक्ल भी न देखी हो,ऐसे मिलिट्री के लान्स नायक से लेकर मेजर और उससे भी उपर की रेन्क के निवृत्त आला अफ़सर तक, तथाकथित निष्णातों को पकड़-पकड़ कर कैमरे के सामने बिठा कर, आतंकवादी दाउद पकड़ा गया उस वक़्त  जल्दी सवेरे सवेरे, उस बेचारे को, हमारे कमान्डोने, चाय-नाश्ते से लेकर,  ठीक से स्नान इत्यादि करने का मौका भी, दिया होगा कि नहीं? जैसे नाज़ुक विषय पर, बार बार एक ही सवाल दोहरा के, सभी संवाददाता अपनी-अपनी चैनल के टी.आर.पी. बढ़ाने का जुगाड़...

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